देहरादून:

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। VDO भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर जहाँ एसटीएफ की कार्यवाही जारी है वहीं 2016 में तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत का एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें वो आयोग में तैनात सदस्य पर ही आरोप लगा रहे हैं। आपको बता दें कि 05 मई 2016 में उनके द्वारा ये पत्र लिखा गया और महज तीन दिन बाद यानी कि 9 मई 2016 को उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था हालांकि सरकार ने उस समय इस्तीफा स्वीकार नही किया औऱ बाद में सितंबर 2016 में एस राजू को अध्यक्ष बनाया।

आरबीएस रावत का पत्र शोसल मीडिया पर वायरल

 

आपको बता दें कि उस वक्त जैसा कि पत्र में लिखा भी है कि भर्ती प्रक्रिया निरस्त करवाने के षड्यंत्र हो रहे थे औऱ आखिरकार वो भर्ती निरस्त ही हुई थी। अब महत्वपूर्ण सवाल ये है कि जिन नामो का जिक्र इस पत्र में है तो क्या उनका बाद में कहीं चयन हुआ है?? इसकी जांच होकुल मिलाकर आयोग में इस तरह के खेल लंबे समय से चल रहे है जोकि पूर्व में हुई भर्तियों पर भी क़ई सवाल खड़े कर रहे हैं।

 पेपर खरीदकर 50 से अधिक छात्रों ने पास की परीक्षा, अब पुलिस बनाएगी मुलजिम
 उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में अब छात्रों को भी मुल्जिम बनाने की तैयारी है। एसटीएफ ऐसे 50 छात्रों की तस्दीक कर चुकी है, जिन्होंने पेपर खरीदा और नकल कर पास हुए। इनकी संख्या भविष्य में बढ़ भी सकती है। डीजीपी अशोक कुमार ने इस मामले में कुछ जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया है। उनका कहना है कि सुबूत मिलने के बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
      डीजीपी अशोक कुमार ने प्रेसवार्ता कर पेपर लीक मामले में एसटीएफ की अब तक की जांच और कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 में हुई इस परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत पर 22 जुलाई 2022 को मुकदमा दर्ज हुआ था। अब तक सरकारी कर्मचारियों और एक अभ्यर्थी सहित 15 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। परीक्षा कराने वाली आउटसोर्स कंपनी के कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता का पता चला है। उन्हें गिरफ्तार भी किया जा चुका है। डीजीपी ने कहा कि अभी जांच जारी है और बहुत सी गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं। आशंका है कि सैकड़ों छात्रों ने परीक्षा में नकल की है।