शंखनाद INDIA/ देहरादून:

रावत…रावत…रावत… तीन रावतों की तिगड़मबाजी….. जी हां, उत्तराखंड में इन दिनों तीन रावतों की तिगड़मबाजी का दौर चल रहा  है| एक रावत पुराने रावत के फैसलों को बदल रहा है तो दूसरी ओर तीसरा रावत आग में घी डालने का काम कर रहा है| नहीं समझे…??  तो आइए साफ शब्दों में बताते है कि आखिर हम किन तीन रावतों की बात कर रहे हैं| उत्तराखंड में जहां नवनियुक्त सीएम तीरथ सिंह रावत पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसलों को बदलकर जनता की वाह-वाही लूटने का काम कर रहें तो इसी बीच उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत बीच में आकर दोनों रावतों को भिड़ाने का काम कर रहे हैं|

दरअसल, पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने प्रदेश में ताबड़तोड़ फैसले ले रहे सीएम तीरथ सिंह रावत को आड़े हाथों लिया है| उन्होंने सीएम तीरथ सिंह रावत को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से ज्यादा चालाक करार दिया है|  दरअसल, हरीश रावत ने अपने सोशल अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है| उसमें उन्होंने कहा है कि सीएम रावत पुराने रावत के कुछ फैसलों की हड्डियां चौराहे पर फोड़ कर वाह-वाही बटोरने का काम कर रहे हैं| उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में जो नए रावत आए हैं वो पुराने रावत से ज्यादा चालाक है| जिससे साफ समझ आता है कि हरीश रावत तीरथ सिंह रावत को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से आंक रहे हैं|

हरीश रावत ने अपने सोशल अकाउंट पर लिखा कि तीरथ सिंह रावत सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को अपना बताकर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश कर रहें हैं| उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री जी बार बार यह कह रहे हैं कि उन्होंने कोविड-19 के दौरान लगे सभी मुकदमों को वापस ले लिया है वो पहले ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया जा चुका था| उन्होंने कहा कि जो केंद्रीय कानून है उसके मुकदमों को आप तबतक वापस नहीं ले सकते थे जबतक उन फैसलों को लेकर न्यायिक निर्णय नहीं होता है| और सुप्रीम कोर्ट तरफ से सभी राज्यों को ये निर्देश जारी कर दिए गए थे कि कोविड-19 के दौरान जो मुकदमें दर्ज किए गए हैं उन सभी को वापस लिया जाए| कांग्रेसशासित राज्यों ने तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के दूसरे दिन है ये फैसला ले लिया था और उत्तर प्रदेश के सीएम ने भी पहले ही ये निर्देश जारी कर दिए थे|