पूनम चौधरी शंखनाद इंडिया देहरादून:

देहरादून: उत्तराखंड में जीएसटी चोरी के मामला थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. मामला एक बार फिर राजधानी देहरादून फिर सामने आया है. यहां हर्रावाला स्थित एक फैक्ट्री और ठेकेदार के ऑफिसों में छापेमारी के दौरान डेढ़ करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़ी गई. GST टीम ने छापेमारी की कार्रवाई कर टैक्स चोरी से दस्तावेज कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। उत्तराखंड जीएसटी की विशेष अनुसंधान शाखा की टीम ने देहरादून के हरिद्वार रोड हर्रावाला स्थित नुवूड़ इंडस्ट्री की फैक्ट्री में छापा मारा. कार्रवाई के दौरान टैक्स चोरी से संबंधित दस्तावेज बरामद कर जांच के बाद पता चला कि फैक्ट्री मालिक ने जहां एक तरफ जीएसटी जमा नहीं किया है. वहीं, दूसरी तरफ वह आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ भी ले रहा है, जो नियमानुसार अनुमान्य नहीं है।

आपको बता दें कि विशेष अनुसंधान शाखा के उपायुक्त यशपाल सिंह ने बताया कि पहला मामला हर्रावाला स्थित हैंडीक्राफ्ट और वुड का कांटेक्ट कार्य करने वाली फैक्ट्री का है। यहां जांच में पाया गया कि व्यापारी अपना पूरा टैक्स जमा नहीं कर रहे थे। आईटीसी का गलत तरीके से फायदा उठा रहे थे। फैक्ट्री परिसर से अभिलेख जब्त किए गए, जिनमें रिवर्स चार्ज की करदेयता भी छिपाने की बात सामने आई। लग्जरी कारों की खरीद, विदेश यात्रा और कई दूसरी सेवाओं पर अदा किए गए टैक्स का लाभ आईटीसी के रूप में नहीं मिलता है, लेकिन व्यापारी ने इसका लाभ उठाया।

बताया जा रहा है माल मंगाने और भेजने में यदि भाड़े पर ट्रांसपोर्टर टैक्स अदा नहीं कर रहा है, तब टैक्स अदा करने का दायित्व भाड़ा चुकाने वाले यानी माल भेजने या पाने वाले का होता है, जिसे ‘रिवर्स चार्ज पर कर अदायगी कहा जाता है। व्यापारी भाड़े पर रिवर्स चार्ज पर पूरा टैक्स अदा नहीं कर रहे थे। यहां करीब सवा करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी गई। दूसरा मामला स्मार्ट सिटी और वर्ल्ड बैंक परियोजना के ठेकेदार का है। यह फर्म पाइप लाइन बिछाने का काम करती है। ठेकेदार के ठिकानों पर गलत आईटीसी लिए जाने और कम टैक्स अदा करने के प्रकरण में छापेमारी की गई। यहां करीब 25 से 30 लाख की गड़बड़ी पकड़ी गई।