1 फरवरी को वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करेंगी। यह उनका तीसरा बजट होगा। यह बजट कई मायनों में ऐतिहासिक होगा। बजट के इतिहास में पहली बार है जब यह पेपर पर नहीं छपेगा। कोरोना महामारी के चलते सरकार ने इस बार बजट कागज पर न छापने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने कहा था कि भारत ने 100 साल में ऐसा बजट नहीं देखा होगा, जैसा इस बार आएगा। इससे लोगों की इस बजट को लेकर अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं। सीतारमण ने पिछले साल के बजट में कई बड़ी घोषणाएं की थीं। आइए जानते हैं उनके पिछले बजट की कुछ बड़ी बातें..
टैक्स स्लैब में किया था बदलाव
सीतारमण ने सुस्ती के दौर में लोगों को खर्च करने को उत्साहित करने के लिए टैक्स स्लैब्स में कई बदलाव किए थे। पहले स्लैब में ढाई लाख की आमदनी वालों को टैक्स से छूट दी गई थी। दूसरे स्लैब में ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक पांच फीसद की दर से टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी। 5-7.5 लाख तक कमाई वाले लोगों के लिए टैक्स की दर 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दी गई थी। इसी तरह 7.5 से 10 लाख तक जिनकी आमदनी है, उनके लिए कर की दर 20 फीसदी से घटाकर 15 प्रतिशत की गई थी। 10-12.5 लाख कमाई वालों के लिए इसे 30 प्रतिशत से घटाकर 20 फीसदी किया गया था। 12 से 15 लाख तक कमाई वालों के लिए टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर 25 प्रतिशत की गई थी। 15 लाख रुपये से ज्यादा कमाई वालों के लिए इसे 30 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया था।
बैंक डिपॉजिट पर किया था ये ऐलान
सीतारमण ने ग्राहकों के बैंक डिपॉजिट को लेकर भी बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि अब बैंक जमा पर ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक की गारंटी मिलेगी यानी बैंक के डूब जाने के बाद भी आपके पांच लाख रुपये बिल्कुल सुरक्षित रहेंगे। दूसरे शब्दों में यूं समझें कि बैंकों में पैसा जमा कराने वाले ग्राहकों के लिए इंश्योरेंस कवर जो पहले एक लाख रुपये था उसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया था। यानी बैंक अगर डूब भी जाता है तो ग्राहक का पूरा पैसा नहीं मारा जाएगा। उसकी पांच लाख रुपये तक की रकम उसे वापस की जाएगी। सितंबर 2019 में PMC बैंक में कामकाज बंद हो जाने से ग्राहकों की जमा रकम के डूबने का खतरा पैदा हो गया था जिसके कारण ग्राहकों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है। सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए 16 अहम फैसले लिए हैं। सरकार ने इन 16 योजनाओं के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला लिया है। इसमें कृषि और सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये की रकम दी जानी है। सरकार पीएम कुसुम योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में आर्थिक मदद देगी। जल संकट से प्रभावित 100 जिलों के लिए विस्तृत योजना लाई जाएगी और 15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंपसेट से जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया था कि किसानों को 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने मिल्क प्रोसेंसिंग क्षमता को 08 मिलियन टन जबकि फिश उत्पादन का लक्ष्य 208 मिलियन टन रखा है।
रेलवे के लिए क्या कहा था सीतारमण ने
केंद्रीय वित्त मंत्री ने रेलवे के लिए बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा था कि सरकार 27 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन करेगी। 150 ट्रेनें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया था कि सरकार की योजना तेजस जैसी और ट्रेनों के माध्यम से प्रसिद्ध स्थलों को जोड़ने की है। यही नहीं चार स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। इन योजनाओं पर 18,600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेल पटरियों के किनारे सोलर पॉवर ग्रिड बनेंगे। 148 किलोमीटर में बेंगलुरू ऊपनगरीय ट्रेन सिस्टम बनेगा जिसमें केंद्र सरकार 25 फीसद आर्थिक मदद देगी।
स्वास्थ्य सेक्टर के लिए क्या था प्लान
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया था कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें पीएम जन आरोग्य योजना के लिए 6400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। मिशन इंद्रधनुष का दायरा बढ़ाकर इनमें 12 बीमारियों को शामिल किया गया है। इसमें पांच वैक्सीन भी जोड़ी गई हैं। आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों में पीपीपी मोड पर अस्पताल बनाए जाएंगे। पहले चरण में 112 जिलों से इसकी शुरुआत होगी। मेडिकल उपकरणों पर जो कर लगाया जाता है उसी रकम से इन अस्पतालों का निर्माण कराया जाएगा। वित्त वर्ष 2020-21 में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सरकार ने साल 2025 तक टीवी की बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। जल जीवन मिशन के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपयों का आवंटन किया गया है।
शिक्षा क्षेत्र के लिए कही थी यह बातें
सीतारमन ने कहा था कि जल्द नई शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी। मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू हो जाएंगे जिनमें स्किल्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्वालिटी एजुकेशन के लिए डिग्री वाली ऑनलाइन योजनाएं शुरू की जाएंगी। यही नहीं उन्होंने नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया था कि डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए हर जिला अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज बनेगा। बजट में शिक्षा के लिए 99300 करोड़ जबकि स्किल डेवलपमेंट के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
LIC के निजीकरण पर क्या कहा था
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2020-21 पेश करते हुए घोषणा की थी कि विनिवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए सरकार लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) का कुछ हिस्सा बेचेगी। यही नहीं IDBI बैंक में भी हिस्सेदारी बेची जाएगी। LIC का आईपीओ जारी किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि सरकार एलआईसी का कितना हिस्सा बेचेगी। इस घोषणा के बाद विपक्ष ने हंगामे के साथ विरोध किया था।
घरों में लगेंगे स्मार्ट बिजली मीटर
सीतारमण ने ऐलान किया था कि घरों में स्मार्ट मीटर लगेंगे और उपभोक्ताओं को मनमाफिक बिजली कंपनी चुनने की आजादी होगी। उन्होंने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से पुराने मीटर बदलकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर अगले 3 साल में लगवाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कंज्यूमर इसके जरिए अपनी सुविधा के हिसाब से कंपनी और रेट चुन सकते हैं। यह सबको बिजली देने की दिशा में अहम कदम है। डिस्कॉम में बदलाव के लिए उन्होंने 22,000 करोड़ रुपये पावर और अक्षय ऊर्जा के लिए आवंटित किए थे।
साभार नवभारत