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देहरादून: देशभर के साथ ही आज से उत्तराखंड में भी प्लास्टिक बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का ऐलान किया। सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिसका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल करते हैं।
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इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है। बैन किए गए प्रोडेक्ट को बनाने या बेचने पर पर्यावरण एक्ट धारा-15 के तहत 7 साल तक की जेल और 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
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देश में प्रदूषण फैलाने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है। केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था।
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सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें न तो डीकंपोज होती हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है। ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है।
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सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन होने पर अलग-अलग चीजों के लिए अलग-अलग विकल्प हो सकते हैं। जैसे- प्लास्टिक के स्ट्रा की जगह पेपर स्ट्रा। इसी तरह बांस से बनी ईयर बड्स स्टिक, बांस से बनी आइसक्रीम स्टिक, कागज और कपड़े से बने झंडे, परंपरागत मिट्टी के बर्तन आदि का इस्तेमाल सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह ले सकता है।
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एनवायरनमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक बैन तभी सफल होगा, जब आम लोगों में जागरूकता होगी और इसकी जगह उनके पास दूसरे विकल्प उपलब्ध होंगे।