भूधंसाव

श्रीनगर में ऋषिकेश–कर्णप्रयाग–बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित घसिया महादेव के समीप टीचर कॉलोनी में बड़ी बड़ी दरारें पड़ गई हैं। जिस से यहां के निवासियों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे सुरंग निर्माण कार्य के कारण आसपास ऊपरी हिस्से में बने मकानों की दीवारों और फर्शों में अचानक दरारें उभर आई हैं. स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि करीब 12 परिवारों और दर्जनों किरायेदारों ने भवन खाली कर दिए हैं। लगातार बड़ी हो रही दरारों से लोगों में दहशत का माहौल है।

श्रीनगर की टीचर्स कॉलोनी में लगातार बढ़ रही हैं दरारें

श्रीनगर के टीचर्स कॉलोनी में भूधंसाव से बेघर हुए परिवारों को जितना अपना घर छूटने का गम है उतना ही गुस्सा प्रशासन के खिलाफ भी देखने को मिल रहा है। प्रभावित परिवारों ने सीधे तौर पर रेलवे विकास निगम (R.V.N.L.) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मेन टनल और एडिट टनल के निर्माण में की गई ब्लास्टिंग और विस्फोटकों के इस्तेमाल ने उनकी ज़िंदगियाँ उजाड़ दी हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि इस से पहले कभी भी ऐसी स्थिति यहां नहीं थी। वो दशकों से यहां रह रहें हैं लेकिन ऐसा भू-धंसाव कभी नहीं हुआ। लोगों ने साल 2013 की आपदा का भी जिक्र किया है कि उस वक्त भी ऐसी दरारें कहीं देखने को नहीं मिली थी। उनका कहना है ये प्रकृति के कारण नहीं बल्कि रेलवे के प्रोजेक्ट के कारण हुआ है।

प्रभावितों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

यहां रहने वाले परिवारों का घर टूट चुके हैं और अब उनका धैर्य भी टूट रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर R.V.N.L. ने इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो वे उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। प्रभावित परिवारों का कहना है  कि “या तो हमें न्याय मिले। वरना हम R.V.N.L. के कार्यालय की तालाबंदी और घेराबंदी करेंगे!” अब देखना ये होगा कि R.V.N.L. इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और प्रशासन इन बेघर परिवारों को कब तक राहत पहुंचाता है।