टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (THDC) के टिहरी के बांध में आज पहली बार 830 मीटर जलस्तर भरा गया है। टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक यू.के सक्सेना ने बताया है कि जब से टिहरी बांध बना है तब से आज यह पहली बार है जब टिहरी झील का जलस्तर 830 मीटर हो गया है। इससे पहले एक 2010 में अधिक वर्षां के कारण झील का जलस्तर 830 मीटर हुआ था,लेकिन इस बार विधिवत रुप से झील का जलस्तर 830 मीटर किया गया है। जिससे बांध से बिजली का उत्पादन भी बढ़ेगा और राजस्व भी ज्यादा आएगा।निदेशक ने आगे बताया है कि टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने के कारण 835 मीटर से ऊपर रहने वाले ग्रामीणों के नुकसान का आकलन करने के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है। जिसपर उस क्षेत्र पर रहने वाले 415 परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।
आपको बता दें कि टिहरी बांध की झील में 830 मीटर तक पानी भरने की अनुमति उत्तराखंड सरकार ने दी है। जिससे बांध निर्माता टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की बांछें तो खिली हुई हैं। लेकिन स्थानीय लोग पानी भरने से दिक्कतें महसूस करने लगे हैं। उनकी चिंता वाज़िब हैं।830 मीटर में कई ऐसे लोग और परिवार और गांव हैं जिनका पुनर्वास नहीं हुआ है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री राहत कोष में टीएचडीसी के नए सीएमडी ने एक करोड रुपए दिए थे। समझा जाता है कि, इन एक करोड़ रुपयों के बदले सरकार ने 5 मीटर तक पानी बढ़ाने की अनुमति दी है। यह फैसला स्थानीय लोगों की मंजूरी के बगैर तय किया गया है।
आपको बता दें कि यह परियोजना छोटी भी हो सकती थी, इससे पहले भी 127 गाँव डूब चुके है और एक बार फिर सरकार बिना सोचें-समझे सरकार यह फैसला उठा लिया है जिसका अंजाम ना जाने क्या होने वाला है।