शंखनाद.INDIA रूद्रप्रयाग: भरदार क्षेत्र के दरमोला गांव में चल रहे पांडव नृत्य इन दिनों धूम मची हुई है। नौगरी के कौथिग (गांव घूमने की परम्परा) के दौरान ग्रामीणों ने पांडवों के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए। पांडवों ने अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य शुरू किया। नृत्य देखने के लिए बड़ी संख्या में दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग पहुंचे। वहीं लोगों ने भगवान से आशीर्वाद लेकर सुख-समृद्धि की कामना की।जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत दरमोला में गत 14 नवम्बर से चल रहे पांडव नृत्य के दौरान बुधवार को नौगरी का कौथिग का आयोजन किया गया। इस बार पश्वों ने गांव का भ्रमण नहीं किया. गांव के स्थानीय लोग सुबह से ही अपने घरों में पांडव पश्र्वों के लिए विभिन्न तरह के पकवान बनाने में जुट गए थे। जिसके बाद सभी ग्रामीण तैयार विभिन्न तरह के पकवानों को पांडव चौक में ले गए। सर्वप्रथम पांडवों के लिए बनाए गए पकवान का भोग भगवान बदरी विशाल व शंकरनाथ देवता को लगाया, उसके बाद ही पांडव पश्र्वों ने इसे ग्रहण किया.मान्यता है कि जब पांडव अज्ञातवास के लिए गए थे, तो उस समय उन्होंने विभिन्न गांवों में भीक्षा मांगकर ही अपना पेट भरा था। आज भी लोग इस परम्परा की संस्कृति को जीवित रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।पांडव पश्र्वों ने सर्वप्रथम नृत्य करने वाले स्थान का पूजन किया। इसके बाद देवता नर रूप में अवतरित हुए। जिसके बाद पांडवों ने अपने अस्त्र-शस्त्रों के साथ ढोल दमाऊ की थाप पर नृत्य शुरु किया. जो लगभग दो घंटे चलता रहा।

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