शंखनाद INDIA/

उत्तराखंड हिमालयी राज्य होने के साथ साथ सुंदर है। उत्तराखंड में होने वाले अन्न लगभग पुरी तरह आर्गेनिक होते  हैं यहां की दालें काफी पौष्टिक होती हैं। उत्तराखंड में लगभग सभी तरह की दालें होती है। इसमें यहां की राजमा की दाल भी बहुत पोष्टिक होती हैं। रूद्रप्रयाग के त्रिजुगीनारायण के आसपास राजमा की अनेकों वैरायटी होती हैं।

रूद्रप्रयाग जिले के त्रियुगीनारायण गांव में होने वाली राजमा दाल की अलग-अलग किस्में हैं। ये कम से कम 65 अलग अलग प्रकार की राजमा की किस्में हैं। लेकिन जैसे-जैसे गांवों में आधुनिकीकरण आ रहा और लोगों का खेती की ओर रूझान कम हो रहा है वैसे-वैसे कुछ कुछ राजमा की प्रजातियां विलुप्त हो सकती है।त्रिजुगीनारायण ही एक मात्र ऐसा गांव होगा जहां इतने प्रकार की राजमा दाल की किस्में पैदा होती हैं। एक और मुख्य बात है इस गांव की वो ये कि ये गांव चारों तरफ से जंगलों से घिरा है लेकिन आज तक किसी भी प्रकार के जंगली जानवरों ने ना फसलो को नुक़सान पहुंचाया है ना इंसानों को, हो सकता है ये भगवान त्रियुगीनारायण की कृपा हो। मुझे लगता है कि सरकार को किसानों के साथ मिलकर ऐसे गांवों में क्लस्टर बना कर इन किस्मों को संरक्षित किया जाना चाहिए।

उत्तराखंड में राजमा, उत्तरकाशी के हरषिल चमोली जिले की उर्गम घाटी, पिथौरागढ़, बागेश्वर देहरादून के चकराता में होती है।

 

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