सुमन सेमवाल/देहरादून जमीनों की प्लाॅटिंग के मामले में जीसएटी की अपीलेट अथाॅरिटी (अग्रिम विनिर्णय अपीलीय प्राधिकारी उत्तराखण्ड) ने बड़ा आदेश जारी किया है। अब प्लाॅटिंग कर भूखंड बेचने वालों को इस पर जीएसटी भी अदा करना होगा। जीएसटी की दर कितनी होगी यह आदेश में स्पष्ट नहीं किया गया है, मगर जीएसटी एक्ट के विभिन्न प्रविधानों के मुताबिक जमीन के मूल्य को एक तिहाई कम करके शेष धनराशि पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा। यह दर जमीन की रजिस्ट्री की दर (3.75 से पांच फीसद तक महिला-पूरूष के हिसाब से) से भी काफी उच्च हैं। ऐसे में आदेश के बाद जमीन के दाम भी बढ़ सकते है।
यह अपील अभिषेक दरक की ओर से अथाॅरिटी में दायर की गई थी। उनके चार्टर्ड अकाउंटेड (सीए) अमृत असवाल ने तर्क दिया था कि प्लाॅटिंग में उन पर जीएसटी नहीं बनता है। वहीं, स्टेट जीएसटी नहीं बनता है। वहीं, स्टेट जीएसटी की उपायुक्त प्रीति मनराल ने जीएसटी लगाए जाने के पक्ष में गुजरात व कर्नाटक के विभिन्न मामलों में दी गई रूंिलंग प्रस्तुत की। उन्होंने तर्क रखा कि जीएसटी एक्ट में प्लाॅटिंग के समय भूमि में किए गए विभिन्न विकास कार्यों के चलते जीएसटी की वसूली का प्रविधान है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी प्लाॅटिंग में संबंधित कारोबारी ने भूमि की लेवलिंग के साथ चहारदीवारी, सड़क, भूमिगत केबल, सीवरेज, पार्क, जल निकासी, वर्षा जल संग्रहण, ओवरहेड, वर्षा जल सग्रहण, ओवरहेड टैंक निर्माण आदि के कार्य किए हैं। लिहाजा, प्लाॅटिंग के इस तरह के मामलों मे जीएसटी की वसूली की जानी चाहिए। प्रकरण की सुनवाई करते हुए एसजीएसटी सदस्य डाॅ. अहमद इकबाल सीजीएसटी सदस्य पीके गोयल ने विभाग के तर्क को उपयुक्त पाया।
अपीलेट अथाॅरिटी के आदेश के बाद स्टेट जीएसटी मुख्यालय प्लाॅटिंग के प्रकरणों मे जीएसटी वसूली को लेकर सक्रिय हो गया है । राज्य कर मुख्यालय के अपर आयुक्त विपिन चंद्र ने उन्होंने कहा कि प्लाॅटिंग के सभी प्रकरणों की पड़ताल कर उसकी जानकारी मुख्यालय को भेजी जाए।