शंखनाद INDIA/ देहरादून
हरिद्वार में शुरू हो रहे महाकुंभ की अधिसूचना जारी कर दी गई है| कुंभ का आयोजन 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक किया जाएगा| प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने कुंभ को लेकर अधिसूचना जारी की है| साथ ही कुंभ मेले का क्षेत्र भी निर्धारित कर दिया गया है| उत्तराखंड में हर 12 साल में कुंभ का आयोजन होता है| जिसमें देश विदेश से लाखों श्रद्दालुओँ की भीड़ कुंभ मेले में उमड़ती है| कुंभ मेले का साढ़े तीन महीने तक किया जाता है जिसमें लाखों लोग कुंभ के दर्शन करने आते है|हालांकि इस बार कोरोना महामारी के चलते कुंभ मेले का आयोजन केवल 1 माह के लिए किया जा रहा है| साथ ही कुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना के नियम भी सख्त बनाए गए है|जिसमें कुंभ में शामिल होने वाले लोगों को अपनी कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी जिसके बाद ही वो कुंभ मेले में शामिल हो सकते हैं| इसके अलावा कुंभ मेले में शामिल होने के लिए सरकार की तरफ से कई गाइडलाइन्स जारी की गई है जिसका पालन कुंभ में शामिल होने वाले हर एक श्रद्धालु को करना होगा|
वहीं कुंभ मेले को लेकर अधिसूचना जारी होने के बाद अब शासन-प्रशासन पर कुंभ में कोरोना महामारी की रोकथाम का दबाव बन गया है| अधिसूचना में कुंभ क्षेत्र को भी अधिसूचित किया गया है। इसके अनुसार पूर्व दिशा में यह सीमा सिद्ध सोत सेतु से चंडी देवी मंदिर, हरिद्वार-चीला मार्ग, बीरभद्र बैराज, लक्ष्मण झूला मार्ग, स्वर्गाश्रम क्षेत्र, नीलकंठ महादेव मंदिर, नीलकंठ-गरुड़चट्टी-दुगड्डा मार्ग पर पीपीकोटी तिराहे से वापस नीलकंठ-स्वर्गाश्रम पैदल मार्ग से नीरगढ़ तक रहेगी।
पश्चिम में यह सीमा नरेंद्रनगर-ऋषिकेश बाइपास, ऋषिकेश-देहरादून मार्ग पर वन चौकी तक, वन चौकी से ऋषिकेश-हरिद्वार बाइपास मार्ग, हिल पास के साथ मंसा देवी, बिल्केश्वर मंदिर, टिबड़ी, मोहंड रोड जंगल चौकी, बीएचइएल के आवासीय भवन, रुड़की-बहादराबाद मार्ग और हरिद्वार-दिल्ली मार्ग पर 13 किमी तक रहेगी।उत्तर में यह सीमा नीरगढ़, तपोवन, बिठ्ठल आश्रम मार्ग से लेकर नरेंद्रनगर मुनि की रेती मार्ग तक रहेगी। और दक्षिण में यह सीमा बहादराबाद-हरिद्वार बाइपास मार्ग, सीतापुर गांव, हरिद्वार-ऋषिकेश बाइपास पर रेलवे पुल, ग्राम जियोपोता से हरिद्वार-नजीबाबाद मार्ग के सिद्ध सोत सेतु तक रहेगी।