पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक के कुनाऊं ग्राम में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी और बंधक बनाने का हैरतअंगेज करने वाला मामला सामने आया है। असम निवासी युवती समेत तीन लोग तीन सप्ताह तक नौकरी के चक्कर मे संचालकों के चंगुल में रहे। इस बीच प्रताड़ित कर उनपर धोखाधड़ी के लिए लगातार दबाव भी बनाया गया। दावा किया कि बीते बुधवार सुबह मौका पाकर वह भाग निकले जिसके बाद उन्होंने पुलिस को आपबीती सुनाई और पुलिस को इस मामले का पता चला। शिकायत के बाद अब लक्ष्मणझूला पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई है।
    यमकेश्वर में कुछ लोगों के ऊपर असम निवासी एक युवती समेत तीन लोगों को जबरन बंधक बनाने का आरोप है। शिकायत के बाद अब लक्ष्मणझूला पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई है।असम निवासी पीड़ित 28 साल के अरूप कुमार के मुताबिक तीन सप्ताह पहले उन्हें नौकरी का ऑफर देकर कुनाऊं गांव में बुलाया गया था। उसके साथ में असम की ही निवासी लिंडा और रिचर्ड थे।
       गांव में पहुंचने के बाद संचालकों ने उनपर अंतरराष्ट्रीय कॉल कर लोगों से ठगी करने का दबाव डाला, जिससे उन्होंने साफ इंकार कर दिया। अरूप ने बताया कि इससे नाराज होकर संचालकों ने उन्हें गांव में ही एक घर में कैद कर लिया। तीन सप्ताह तक वह संचालकों के चंगुल में रहे और इसबीच प्रताड़ित कर उनपर धोखाधड़ी के लिए लगातार दबाव भी बनाया गया। बुधवार की सुबह मौका पाकर वह किसी तरह भाग निकले।संचालकों ने चीला-बैराज मार्ग स्थित कुनाऊं पुलिया तक पीछा कर उनको पकड़ लिया और मारपीट कर उनका मोबाइल भी छीनकर गंगा में फेंक दिया।
        इस बीच स्थानीय लोग मौके पर आ गए और संचालक भाग खड़े हुए। अरूप ने यह भी बताया कि इन 21 दिनों में उन्होंने बंधक युवती लिंडा को कई दफा अंकिता भंडारी जैसा हश्र करने की धमकी भी दी गई। मामले की सूचना ऋषिकेश पुलिस और लक्ष्मण झूला पुलिस को दी गई है। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है। हालांकि अभी तक आरोपियों का कुछ भी अता पता नहीं चला है और सभी आरोपी फरार है !