उत्तराखंड में बारिश के साथ ही पहाड़ों के दरकने का सिलसिला भी जारी है। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के कारण सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के बंद होने का सिलसिला जारी है। रविवार देर शाम तक प्रदेश में 11 राज्यमार्ग समेत कुल 126 सड़कें बंद रहीं। इससे चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं।
रविवार को बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लांबगड़ और खचड़ा नाला के पास अवरुद्ध हो गया। हालांकि, मार्ग को कुछ समय बाद खोल दिया गया, लेकिन भूस्खलन के कारण मार्ग के फिर से बंद होने और पहाड़ी से पत्थरों और मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है। लोनिवि की ओर से देर शाम जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 11 राज्यमार्गों के साथ, नौ मुख्य जिला मार्ग, तीन अन्य जिला मार्ग, 53 ग्रामीण सड़कें और पीएमजीएसवाई की भी 47 सड़कें बंद थीं।
लोनिवि के प्रमुख अभियंता दीपक यादव के अनुसार, संभावित स्थानों पर जेसीबी और अन्य मशीनें तैनात की गई है। रविवार को कुल 119 मशीनों को सड़कों को खोलने के काम में लगाया गया था। इनमें स्टेट हाईवे पर नौ, मुख्य जिला मार्गों पर 12, अन्य जिला मार्गों पर पांच, ग्रामीण सड़कों पर 51 और पीएमजीएसवाई की सड़कों को खोलने के लिए 47 मशीनों ने काम किया।
सड़कों को खोलने के काम में अभी तक 1259.48 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जबकि सड़कों को पूर्ववत स्थिति में लाने के लिए 1374.68 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इस मानसून सीजन में अभी तक 883 सड़कें बंद हुईं हैं, इनमें से 757 सड़कों को खोल दिया गया है।