पौड़ी गढ़वाल / रिखणीखाल

उत्तराखंड में अब क्षेत्र के लोगों में जागरूकता पैदा हो रही है जैसे कि रिखणीखाल के अंतर्गत जन चेतना समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को विकासखंड की योजनाओं व समस्याओं के निराकरण के लिए एक लंबा चौड़ा मांग पत्र प्रेषित किया है शंखनाद इंडिया लगातार उत्तराखंड के जुड़े जन मुद्दों पर आम लोगों के बीच जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए शासन स्तर पर लोगों की बात रखने के लिए एक माध्यम भी है ,

रिखणीखाल प्रखंड के अन्तर्गत राज्य पोषित विभिन्न विकास योजनाओं द्वारा संसाधन बहाल करने एवं समस्याओं के निराकरण के लिए ज्ञापन प्रेषित।

uttarakahnd news

रिखणीखाल जन चेतना समिति” के अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत ने कहा कि रिखणीखाल प्रखंड जनपद पौड़ी गढ़वाल का अति पिछड़ा,अविकसित व सुदूरवर्ती क्षेत्र है।दुर्गम सुदूरवर्ती व पिछड़ा इलाका होने के कारण विकास की किरणों से कोसों दूर है।उन्होंने माननीय मुख्य मंत्री,उत्तराखंड का ध्यान रिखणीखाल विकास खंड के गाँवों,सरकारी संस्थानों आदि की तरफ आकर्षित किया है।जिसके मुख्य विन्दुओ का विवरण निम्नवत है।1.शैक्षणिक संस्थाओं में अनुशासनीय सुधार द्वारा गुणवत्तापूर्ण नई शिक्षानीति :
i) रिखणीखाल ब्लॉक में एक सैनिक/सेंट्रल स्कूल का निर्माण कराना l
ii) क्षेत्र में रोजगार परख शिक्षा व बौद्धिक विकास के लिए प्रयास करना l
iii) उत्तराखंड से संबंधित पौराणिक बीर गाथाओं, रीति रिवाज, संस्कृति आदि विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल कराना l
iv) सभी शिक्षण संस्थानों का ढांचागत विकास एवं सौंदर्यीकरण कराना l
v) हर शिक्षण संस्थान में छात्र व छात्राओं के लिए पृथक शौचालय एवं बिजली – पानी की सुविधा l
vi) प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थानों में पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाओं में जरूरी सामग्री उपलब्ध कराना।
vii) हर स्कूल में यातायात के सुगम साधन उपलब्ध कराना l
viii) क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा हेतु विद्यालयों की उचित व्यवस्था।
ix) क्षेत्र में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्रों की स्थापना ।
x) सभी विद्यालयों में प्रत्येक विषय के शिक्षकों की नियुक्ति ।
xi) शिक्षकों की उपस्थिति के लिए वर्तमान निगरानी तंत्र में बदलाव की व्यवस्था ।

2. पर्यटन की व्यवस्था एवं साधन :
i) क्षेत्र में रोजगार हेत पर्यटन की दिशा में उचित प्रयास l
ii) शिक्षित बेरोजगारों को ग्रामीण इलाके में होम स्टे साधन उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनिंग देना ।
3. खेलकूद के संसाधन :
i) खेलकूद को प्रोत्साहन हेतु ढांचागत विकास एवं स्टेडियमो का निर्माण कराना l
ii) रिखणीखाल ब्लॉक में जगह जगह खुले व्यायाम शालाओं की व्यवस्था।

4. स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण :
i) रिखणिखाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य मानकों की व्यवस्था कराना l
ii) क्षेत्र की 6 प्राथमिक एवं 14 उप स्वास्थ्य केंद्रों में मानकों के हिसाब से उचित व्यवस्था करना l
iii) क्षेत्र में समय समय पर स्वास्थ्य कैंपों की व्यवस्था कराना।
iv) एनजीओ द्वारा दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कराना l
v) एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को प्रत्येक गांव में साप्ताहिक दौरा करना ।
vi) एएनएम आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आपसी समन्वय से गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को समय पर टीकाकरण और पोलियो ड्रॉप के लिए उत्तरदाई बनाना।
vii) आंगनबाड़ी वालों को बच्चों को निर्धारित मापदंडों के मुताबिक पौष्टिक आहार वितरण हेतु निगरानी की व्यवस्था करना ।
viii) 108 की 1 अतिरिक्त एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था।

5. सड़क यातायात का सुदृढ़ीकरण :
i) राजकीय एवं जिला स्तरीय सभी सड़कों का निश्चित अवधि में गुणवत्तापूर्ण डामरीकरण एवं मरम्मत कराना।
ii) प्रत्येक गांव को सड़क से जोड़ना l
iii) बरसात में कोटद्वार – दुगड्डा मार्ग टूट-फूट के कारण ज्यादातर अवरुद्ध रहता है इसका वैकल्पिक मार्ग कोटद्वार से मोड़ाखाल (सेंधी खाल) तक सड़क निर्माण कराना l

6 पेयजल एवं स्वच्छता
i). घर- घर पेयजल हेतु वैकल्पिक सुविधा एवं शौचालयों की व्यवस्था l

7. कृषि हेतु संसाधनों की व्यवस्था :
i). कृषि हेतु कृषकों को विभाग द्वारा ट्रेनिंग व उत्तम बीजों की व्यवस्था l
ii). खेती एवं पेयजल के लिए क्षेत्र की मुख्य नदियों से ऊंचे पहाड़ों पर जल पहुंचाने के लिए पंपिंग द्वारा मंदाल नदी, जामरि, मंदाल नदी से सिरस्वाडी/चौडू डांड, बगेड़ा, बरई धूरा, बड़खेत, रजबो मल्ला, डोबरिया, तैडिया, कतेड़ा रोल, द्वारी, डल्ला, नयार आदि नदियों से व्यवस्था कराना l
iii) क्षेत्र की बंजर जमीन के उपयोग के लिए चकबंदी व अन्य विकास कार्यों पर जोर देना।
v) जल सरक्षण के लिए उचित व्यवस्था।
vi) जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए तारबाड़ की व्यवस्था।

8. रोजगार एवं लघु उद्योग:
i) रोजगार हेतु लघु उद्योगों के बारे में जनता को प्रशिक्षण केंद्रों की व्यवस्था कराना।
ii) मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, पशुपालन, तथा साथ में एक गौशाला की भी व्यवस्था।
iii) कृषि उत्पादों को उचित मूल्य पर बेचने के लिए सरकारी मंडियों की व्यवस्था कराना l

9. हर बाजार में ATM की सुविधा उपलब्ध कराना।

10. क्षेत्र के प्रमुख बाजारों में पेट्रोल पंप एवं वाहनों की मरमत कार्य के लिए कार्यशाला की व्यवस्था l

11. सिद्ध वली के सामने डबल पुल का निर्माण।

12. समस्त क्षेत्र में सोलर एनर्जी उत्पादन पर विषेश ध्यान देने की ज़रूरत है । अन्त में उनका कहना है कि उत्तराखंड सरकार हमारी समस्याओं को अग्रसरित करने में पूर्णतः सक्षम है,तथा रिखणीखाल क्षेत्र की समस्याओं को समाधान करने में प्राथमिकता देने की अपेक्षा करते हैं,तभी सन 2025 तक रिखणीखाल प्रखंड भी देवभूमि उत्तराखंड के नम्बर एक राज्य में सम्मिलित हो सकेगा,जैसी मुख्यमंत्री जी की हार्दिक अभिलाषा है