श्रीनगरः गढ़वाल-कुमाऊं(Garhwal-kumaon) मंडल में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों(MBBS student in Shrinagar) के पाठ्यक्रम में एक छोटा और महत्वपूर्ण बदलाव किया जाएगा. दरअसल, छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के साथ-साथ लोकल भाषा(Local Language) से भी रूबारू कराया जाएगा. इसके लिए मेडिकल कॉलेजों ने 20 घंटों का एक शॉर्ट टर्म कोर्स बनाया है.

अमूमन अस्पतालों में देखा गया है कि दूर दराज गांव से आए मरीज अपनी समस्या स्थानीय बोली में बताते है जो कि डॉक्टरों के लिए समझना मुसीबत होता है. कई बार डॉक्टर मरीजों की समस्या को ठीक से समझ नहीं पाते है. इसी कमी को दूर करने के लिए अब डॉक्टरों को गढ़वाली और कुमाऊंनी बोली के बारे में पढ़ाया और सिखाया जाएगा. ये कोर्स एक माह के लिए संचालित किया जाएगा.

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कम्यूनीकेश गैप होगा खत्म

मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में प्रिंसिपल डॉक्टर सीएमएस रावत ने बताया कि एनएमसी की गाइडलाइन के तहत ये कोर्स संचालित किया जा रहा है. इसके पीछे की वजह मरीज और डॉक्टर के बीच अच्छा संबंध स्थापित करना है, जिससे की तरह का भी कम्यूनीकेशन गैप मरीज और डॉक्टर के बीच न रहै. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल में कुमाउंनी बोली और गढ़वाल में गढ़वाली बोली के बार में शॉर्ट टर्म कोर्स संचालित किए जा रहे हैं.

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