Malmas 2023 : चंद्र कैलेंडर में प्रत्येक 3 वर्षों पर एक ज्यादा माह जुड़ता है, वही मलमास या अधिकमास कहलाता है। वर्ष में जुड़ने वाले ज्यादा माह को मलीन माना जाता है, इसमें शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, इसलिए इसे मलमास कहते हैं।
मलमास के अधिपति देव भगवान पुरुषोत्तम यानि श्रीहरि विष्णु हैं, इसलिए मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस वर्ष हिंदू कैलेंडर में मलमास के जुड़ने से वर्ष में 13 महीने होंगे। यह मलमास श्रावण माह में जुड़ रहा है, जिसके कारण सावन का महीना 59 दिनों का हो गया है।
Malmas 2023 का प्रारंभ
श्रावण की अमावस्या 17 जुलाई सोमवार को है। यह सोमवती अमावस्या है। उसके अगले दिन यानि 18 जुलाई से मलमास की शुरूआत होगी। 18 जुलाई को मलमास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी।
Malmas 2023 का समापन
मलमास के कृष्ण पक्ष के बाद यानि मलमास अमावस्या के पश्चात् शुक्ल पक्ष प्रारंभ होगा। फिर मलमास पूर्णिमा तिथि आएगी।
मलमास पूर्णिमा या सावन अधिक मास पूर्णिमा को इस माह का समापन होगा। इस वर्ष मलमास पूर्णिमा 16 अगस्त को है। मलमास पूर्णिमा के पश्चात् से सावन का शुक्ल पक्ष शुरू होगा।
Malmas 2023 में ना करें ये गलतियां
मलमास के वक़्त में मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। इस कारण इस माह में गृह प्रवेश, विवाह, नामकरण, तिलक, मुंडन, सगाई आदि नहीं करते हैं।
मलमास के वक़्त में नया मकान, नया प्लॉट, नए वस्त्र, दुकान आदि की खरीदारी नहीं करते हैं। ऐसा करना अशुभ हो सकता है।
तामसिक वस्तुओं जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मछली आदि का सेवन वर्जित होता है। इसके अतिरिक्त शराब, सिगरेट, बासी भोजन आदि भी नहीं करना चाहिए।
इस माह में राई, उड़द की दाल, मसूर दाल, मूली, हर प्रकार की गोभी, साग, पत्तेदार सब्जी, शहद आदि का सेवन न करें। शास्त्रों में इसकी मनाही है।
यह माह प्रभु श्री विष्णु की पूजा का माह है। इसमें झूठ, चोरी, घृणा, क्रोध, काम, लोभ, गलत व्यवहार, गलत भाषा, अनैतिक कार्यों को करने से बचना चाहिए।