देहरादून:
उत्तराखंड में सरकारी नाौकरियां क्या नेता आौर माफिया मिल कर बेच रहे हैं? चयन आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने इस्तीफा देने से पहले इस ओर साफ-साफ इशारा कर दिया है। यदि ऐसा है तो राज्य के युवाओं के साथ यह सबसे बड़ा धोखा है। युवाओं के सपनों को इस तरह चकनाचूर करने वाले ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।
UKSSSC मामले में एक और बड़ी खबर सामने आ रही है जहांआज उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के अध्यक्ष एस राजू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपको बता दें की उन्होंने पेपर लीक मामले में धांधली को लेकर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। वे 2016 से चेयरमैन के पद पर तैनात थे। सितंबर में उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला था।
उत्तराखंड में समूह ग स्तर की भर्तियों का पूरा करने के लिए 2014 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था। लेकिन शुरुआत से ही आयोग की भर्तियों पर सवाल उठते रहे, इसी पृष्ठभूमि में आयोग के लगातार दूसरे अध्यक्ष को इस्तीफा देकर बैरंग लौटना पड़ा।
2014 में इस स्वतंत्र आयोग को गठित किए जाने के समय रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी आरबीएस रावत को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। लेकिन उनके कार्यकाल में आयोजित भर्तियों पर भी सवाल उठते रहे। 2016 में आयोजित वीपीडीओ भर्ती में बड़े पैमाने पर गोलमाल के आरोप लगे। जिसकी विजिलेंस जांच के दौरान पता चला कि परीक्षा के बाद मूल्यांकन के लिए लाई गई ओएमआर शीट से छेड़छाड़ कर रिजल्ट प्रभावित किया गया। इस कारण उक्त परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत ने तब इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।
भर्ती घोटाले में फंसे उत्तरकाशी से बीजेपी जिला पंचायत सदस्य विदेश से आते ही करेंगे जांच एजेंसी का सहयोगउत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के घपले से चर्चा में आए एक जिला पंचायत सदस्य ने जल्द विदेश से लौटने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वहां से वापस आते ही मामले की पूरी जानकारी लेंगे। उन्होंने भर्ती पेपर लीक में नाम जोड़े जाने को साजिश करार दिया।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक में राज्य के एक जिला पंचायत सदस्य का नाम जुड़ा होने की बात सामने आई है। कहा जा रहा है कि हाल में वह बैंकॉक में है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक से वह नहीं जुड़े हैं। बोले कुछ लोग उनसे रंजिश रखते हैं और मुझे बदनाम करने के लिए इस तरह का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि दस अगस्त को वह वापस दून लौट कर जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि विदेश जाने का कार्यक्रम उनका पूर्व से ही निर्धारित था। 29 जून को उन्होंने 15 दिन के लिए विदेश जाने का टिकट बुक कराया था। वह विदेश में एक विशेष प्रकार की लकड़ी खरीदने गए हैं। लकड़ी का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार सिरोधारा में करेंगे।
आपको यह भी बता दें कि एस राजू ने कहा कि उनके कार्यकाल में आयोग ने अब तक 88 परीक्षा कराई हैं। जिसमें से दो में गड़बड़ी सामने आई। पहले फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में धांधली सामने आई थी। तब भी आयोग ने जांच बैठाई थी। अब स्नातक स्तरीय परीक्षा में धांधली सामने आई तो भी आयोग ने मामले को छिपाने के बजाय स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला सरकार के समक्ष लाया है। उन्होंने कहा कि मुझे अफसोस है कि कुछ लोग तरह-तरह की बातें बना रहे हैं और आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।