यूपी के शासनादेश से अभी तक 142 करोड़ का लग चुका है फटका
शंखनाद.INDIA देहरादून। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के बीच संपत्तियों का बंटवारा हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जो शासनादेश जारी किया गया है। उसमें उत्तराखंड को घाटा होता दिखाई दे रहा है। परिसंपत्तियों के बंटवारे के बाद जब धामी लौटे थे तो उनका कहना था कि हमें हमारा जो हक था वह मिल गया है। रोडवेज, सिंचाई विभाग के बिलों के भुगतान के अलावा कई अन्य परिसंपत्तियों के बंटवारे में इस तरह का घालमेल किया गया है। जिससे उत्तराखंड को हजारों करोड़ का नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है। रोडवेज और सिंचाई विभाग के बिलों के भुगतान को लेकर हुए बंटवारे से अभी तक उत्तराखंड को 142 करोड़ का फटका लग चुका है। इसका विरोध भी शुरू हो गया है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन और ऊर्जा निगम कर्मचारी इसका मुखर होकर विरोध करने लग गए हैं।
दोनों राज्य सरकारों के बीच 18 नवंबर को हुए समझौते के अनुसार, हरिद्वार में कुंभ मेले की जमीन अभी भी यूपी के पास ही रहेगी। धोरा बैगुल बैग, नानक सागर जलाशय उत्तराखंड को मिले हैं. उधम सिंह नगर उत्तराखंड को दे दिया गया है। अलकनंदा पर्यटक आवास हरिद्वार उत्तराखंड को दिया गया है, जबकि बनबसा बैराज का मेंटेनेंस उत्तर प्रदेश सरकार ही करवाएगी।
बंटवारे के अनुसार, सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 मकान का विभाजन दोनों राज्यों के बीच होगा। इसके अलावा सारे विवाद समाप्त हुआ। आवास विभाग की संपत्ति और धनराशि 50-50 फीसदी बांट दी जाएगी। वन विभाग के 90 करोड़ के भुगतान यूपी करेगा। दोनों प्रदेशों के बीच. हाईकोर्ट में जो केस हैं वे वापस लिए जाएंगे. हरिद्वार का अलकनन्दा होटल यूपी उत्तराखंड को हस्तांतरित कर देगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरिद्वार आएंगे।
सिंचाई विभाग के वर्ष 2019 तक के 57.87 करोड़ रुपये की बिजली के बिलों में ₹37 करोड़ के सरचार्ज को घटाते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ₹20 करोड़ या वास्तविक देयक भुगतान यूपीसीएल उत्तराखंड को करेगा। उत्तर प्रदेश की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक के लिए, लिए गए ऋण में अपने अंश के 105.42 करोड़ रुपए के मूल धन के भुगतान के लिए उत्तराखंड सहमत है।
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से उत्तराखंड के परिवहन विभाग को 205 करोड़ रुपए का भुगतान उत्तर प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को करना था, जो निर्णय पर सहमत है। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग 100 करोड़ रुपए का भुगतान उत्तराखंड के परिवहन विभाग को करेगा।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में केस लेंगे वापस
यह अभी निर्णय हुआ है कि उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड परिवहन विभाग नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन को वापस लेगा। उत्तर प्रदेश वन निगम उत्तराखंड वन विकास निगम के 20 संपत्तियों के विभाजन के क्रम में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड वन विकास निगम को भुगतान करेगा। आवास विकास परिषद की उत्तराखंड में संपत्तियों के निस्तारण से प्राप्त आय को खोले गए अकाउंट में डाला जाएगा और इशानी को 50-50 के अनुपात में बांट दिया जाएगा।
परिवहन निगम को 105 करोड़ की चपत
परिवहन निगम से जुड़े परिसंपत्ति के मामले में साल 2003 में हुए समझौते के आधार पर सर्किल मूल्य के आधार पर ब्याज सहित 205.42 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड परिवहन निगम को मिलेगी, लेकिन अभी सिर्फ रोडवेज को केवल 100 करोड़ की धनराशि देने की बात कही गई। यूपी ने 105 करोड़ रुपये की धनराशि दूसरे मद में समायोजित कर ली है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन इससे काफी नाराज है। यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इस प्रकरण यूनियन ने उठाया था। यूनियन ही इसमें हाईकोर्ट में पक्षकार है। हम केस तब वापस लेंगे। जब सरकार हमारी बात सुनेगी।
ऊर्जा निगम को 37 करोड़ रुपए का फटका
उत्तराखंड ऊर्जा निगम को उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से जो 57 करोड़ रुपये मिलने थे, उसमें भी शासन के अधिकारियों ने 30 करोड़ रुपये सरचार्ज माफ कर दिया। यानी, ऊर्जा निगम को अब केवल 20 करोड़ रुपये मिलेंगे। ऊर्जा निगम के कर्मचारी यूनियन को भी धामी सरकार का यह फैसला रास नहीं आ रहा है।