शंखनाद / नई दिल्ली : स्विट्जरलैंड स्थित सस्टेनेबल सेल्फ-डिसइन्फेक्टिंग हाइजीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अग्रणी कंपनी, लिविंगार्ड ने आज इस बात की घोषणा की है कि इसकी टेक्नोलॉजी कोविड-19 डेल्टा वेरिएंट को मारने में सक्षम साबित हुई है। बेहद मशहूर आईआरएसएचए संस्थान द्वारा किए गए परीक्षणों के नतीजे बताते हैं, कि लिविंगार्ड टेक्नोलॉजी से सुपरचार्ज किए गए मास्क की अंदरूनी एवं बाहरी परत इस वायरस के खिलाफ औसतन 99 प्रतिशत असरदार साबित हुई है, तथा एसएआरएस सीओवी-2 के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ परीक्षण में इस मास्क पर कोई जीवित वायरस प्राप्त नहीं हुआ है। आगे पढ़े

बता दे, परीक्षण के नतीजे दुनिया के कई हिस्सों के लिए बेहद सकारात्मक ख़बर के रूप में सामने आए हैं, जो अभी भी इस वायरस के डेल्टा वेरिएंट के प्रकोप से जूझ रहे हैं। अब ऐसे सभी देश अपने नागरिकों की सेहत एवं सुरक्षा के लिए लिविंगार्ड फेसमास्क की क्षमताओं पर भरोसा करते हुए इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस सफलता से बच्चों की सेहत को सबसे ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि बच्चों के डेल्टा वेरिएंट के संपर्क में आने की संभावना ज्यादा है। सर्दियों के मौसम में कोविड महामारी के दोबारा लौटने की आशंका जताई जा रही है, और ऐसे समय में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ लिविंगार्ड टेक्नोलॉजी के असरदार साबित होने की पुष्टि राहत देने वाली ख़बर है। लिविंगार्ड ने आज यह भी घोषणा की कि इसकी टेक्नोलॉजी वायरस के दूसरे सबस्ट्रेट्स के खिलाफ भी असरदार साबित हो सकती है। इस तरह की क्षमता विकसित होने से एयरलाइंस, कपड़े का कारोबार करने वाली कंपनियों, हॉस्पिटैलिटी, हेल्थ-केयर, लॉजिस्टिक्स या परिवहन जैसे विभिन्न उद्योगों को काफी फायदा मिलेगा और उनके लिए शानदार अवसरों के द्वार खोलेगा। इस टेक्नोलॉजी से, इस प्रकार के सभी उद्योगों को अपने कर्मचारियों तथा ग्राहकों की अतिरिक्त सुरक्षा के साथ पूरी जिम्मेदारी से अपने कारोबार की फिर से शुरुआत करने का अवसर प्राप्त होगा।