शंखनाद INDIA / देहरादून : उत्तराखंड में लगातार 2 दिन से बारिश का सिलसिला जारी होने के बाद अब आपदा का शिकार उत्तराखंड हो गया हैं। वही अब इस तीन दिन की बारिश ने प्रशासन तक को हिला दिया हैं। 3 दिन की बारिश के बाद आज मौसम खुला तो तबाही का मंजर साफ तौर पर देखने को मिला। उत्तराखंड में इन 3 दिनों में कई बेगुनाहों की दर्दनाक मौत हो गयी हैं। इन 3 दिनों में प्रदेश के 58 लोग प्रकृति के कहर की चपेट में आ चुके हैं। कुमाऊं में अभी भी 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सबसे अधिक तबाही कुमाऊं में मची है। 58 में से अकेले कुमाऊं मंडल में 52 लोगो की मौत हुई है। उत्तरकाशी से 11 लोगों के लापता होने की खबर है।

वही आपको बता दे, कल ही हर्षिल-छितकुल के लखमा पास गए दिल्ली और कोलकाता के 8 ट्रैकर्स सहित 11 लोग लापता होने की सूचना मिली थी। इन ट्रैकर्स का कोई पता नहीं लग सका है। ट्रैकर्स के लापता होने की सूचना स्थानीय ट्रैकिंग एजेंसी की ओर से जिला प्रशासन को दी गई थी जिसके बाद एक हेलीकॉप्टर सहित एसडीआरएफ की टीम ट्रैकर्स के खोज-बचाव के लिए मौके के लिए रवाना किया गया था। इसके अलावा वहीं गढ़वाल में 14 लोग लापता बताए जा रहे थे। जिनमें देर शाम तीन की मौत की पुष्टि हो गई। कुमाऊं में बे-मौसम बारिश के कहर से कल सात और गढ़वाल में तीन और लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही आपदा की भेंट चढे़ लोगों की संख्या 58 हो गई है। बीते बुधवार को रामनगर में कोसी नदी में एक मासूम बच्ची और कांडा (बागेश्वर) में बहे एक पोस्ट ऑफिस कर्मी भी लापता हैं। पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील के दारमा घाटी के ग्राम चल के बुग्यालों में भी दो लोगों की बर्फ में दबकर मौत हो गई। बीते बुधवार को मौसम खुला तो मलबे में दबे लोगों की खोजबीन का काम शुरू हुआ। इन 3 दिनों में रोजाना मृत्यु के आंकड़ों में बढ़ोतरी होना शर्मनाक है। शासन प्रशासन परिस्थितियां कंट्रोल करने की हर संभव कोशिश कर रहा है।

कफनी ग्लेशियर में 20 पर्यटक लापता

20 पर्यटक कफनी ग्लेशियर की तरफ ट्रैक करने गए हैं। यह भी लापता बताए जा रहे हैं। इनके बारे में कोई सूचना फिलहाल अभी तक प्राप्त नहीं मिल सकी है। जिला प्रशासन इनके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि ट्रैक पर जाने वाले पर्यटकों के पास भोजन का लिमिटेड स्‍टाक होने के कारण उनके भी सामने मुसीबत खड़ी हो सकती है। यदि उन्‍हें जल्‍द ढूंढकर रेस्‍क्‍यू नहीं किया गया तो अनहोनी हो सकती है। बताया जा रहा है कि ट्रैक पर गए और भी पर्यटक फंसे हो सकते हैं।