कैंची धाम में आने वाले पर्यटकों को और स्थानीय लोगों को यहां अक्सर जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिस कारण लगातार स्थानीय लोग बाईपास निर्माण की मांग कर रहे थे। अब कैंची धाम बाईपास के लिए वन भूमि प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही बाईपास के लिए निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।
कैंची बाईपास का जल्द होगा शुरू
मुख्यमंत्री धामी ने कैंची धाम के आस पास एनएच 109 ई में वाहनों के अत्यधिक दबाव और जाम के दृष्टिगत सुगम व सुरक्षित यातायात के लिए साल 2023 में कैंची बाईपास मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए विशेष प्रयासों से गुरुवार को हुई आरईसी की बैठक मे पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वन भूमि हस्तान्तरण की सहमति प्रदान कर दी गयी है। शीघ्र ही मार्ग निर्माण के लिए कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
19 किलोमीटर का बनाया जाएगा बाईपास
बता दें कि 19 किलोमीटर लम्बे कैंची धाम बाईपास मोटर मार्ग में शिप्रा नदी पर एक सेतु का भी निर्माण किया जाना है। जिसके प्रथम चरण में 8 किमी के निर्माण, चौड़ीकरण और डामरीकरण के लिए 1214.71 लाख की धनराशि भी लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध कराई गई है। मोटर मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अवशेष 11 किलोमीटर मोटर मार्ग में वन भूमि आने के कारण वन भूमि प्रस्ताव ऑनलाइन गठित कर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार को वन भूमि हस्तान्तरण के लिए प्रेषित किया गया।
सीएम धामी ने केंद्रीय वन मंत्री से मिलकर किया था अनुरोध
कैंची धाम में हर साल श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत यातायात की सुगमता के लिए मुख्यमंत्री द्वारा यहां बाईपास निर्माण की घोषणा की गई थी। सीएम ने वन भूमि हस्तान्तरण की स्वीकृति के लिए पिछले सप्ताह केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से भेंट कर इनकी स्वीकृति का अनुरोध किया था।
सीएम धामी ने कहा कि कैंची धाम बाईपास के लिए वन भूमि प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद उक्त सड़क का तेजी से निर्माण किया जा सकेगा। इस बाईपास के बन जाने से क्षेत्रीय लोगों और पर्यटकों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही कैंची धाम और भवाली के पास लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी।