कल्पकेदार मलबे में दबा

उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद खीर गंगा नदी के साथ जो मलबे का सैलाब आया वो अपने साथ जो भी उसके सामने आया उसे बहा ले गया। गंगोत्री हाइवे पर धराली गांव में स्थित प्राचीन कल्प केदार मंदिर भी मलबे के ढेर में दब गया है।

धराली में मलबे में दबा कल्पकेदार मंदिर

मंगलवार को बादल फटने से खीरगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने महाभारत काल के ऐतिहासिक मंदिर कल्पकेदार मंदिर को मलबे के नीचे दबा दिया। मंदिर का ऊपरी ढांचा पूरी तरह बह गया, और गर्भगृह मलबे में दब गया है। ऐसा नहीं है कि मंदिर ने पहली बार इसका सामना किया है। इस पहले भी ये प्राकृतिक आपदा का शिकार हो चुका है।

पंच केदार में से एक है कल्पकेदार

भागीरथी नदी के किनारे स्थित धराली का कल्प केदार मंदिर पंच केदार में से एक है। इसे पांडवकालीन बताया जाता है। कल्प केदार मंदिर की बनावट केदारनाथ धाम मंदिर के जैसे ही है। इस मंदिर को कत्यूर शैली में बनाया गया है। ये मंदिर न सिर्फ प्राचीन वास्तुकला और समृद्ध इतिहास का प्रतीक है, बल्कि इलाके में आई भीषण महाआपदा का सबूत भी है।

स्थानीय लोग बताते हैं कि ये मंदिर कभी 240 मंदिरों के समूह का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन सालों पहले आई एक आपदा में ये जमीन के नीचे दब गए। बाद में मंदिर का शिखर दिखने के बाद 1945 में यहां पर कई फीट नीचे खुदाई की गई। जिसके बाद ये मंदिर मिला।