उत्तराखंड में यह बारिश आफत बनकर बरस रही है। जिसकी वजह से चमोली में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे बीते 13 दिनों से बंद पड़ा है। ……अब आपको शंखनाद न्यूज़ इस खबर की जड़ तक ले जाने का काम करेगी। यहां मौसम खराब होने की वजह से हवाई सेवा का संचालन भी नहीं हो पा रहा। गांवों में जरूरत का सामान नहीं पहुंच पा रहा, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। आपको बता दें कि नीति घाटी को यातायात से जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक गांव के पास पहाड़ी दरकने से बंद हो गया था। रोड बंद हुए 13 दिन हो गए हैं, लेकिन इसके खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे। हर खबर पर हैं शंखनाद इंडिया न्यूज़ की नज़र ….. 

पुलिस प्रशासन कर रही हैं कोशिश पर, लगातार गिरते पहाड़ के मलबे को हटाना हैं मुश्किल ……

ऐसा नहीं है कि प्रशासन और संबंधित विभाग की टीम ने हाईवे को खोलने की कोशिशें नहीं कीं, लेकिन पहाड़ से लगातार गिरते पत्थरों की वजह से मलबा हटाना मुश्किल हो रहा है। बीआरओ की ओर से हाईवे को सुचारु करने के लिये मशीनें और मजदूर तैनात किए गए हैं। कोशिशें चल रही हैं, लेकिन पहाड़ से गिर रहे पत्थरों की वजह से कामयाबी नहीं मिल रही। हर गुजरते दिन के साथ नीती घाटी में रहने वालों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। यहां अभी तक बिजली और संचार की व्यवस्था भी सुचारू नहीं हो सकी है। ऐसे में लोग जोखिम भरे पैदल मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं। हालांकि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम यहां पर लोगों की हरसंभव मदद कर रही है।

गांव में हेली सेवा की हो चुकी हैं शुरुवात…. 

चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि घाटी में हेलीसेवा शुरु कर दी गई है, जिससे घाटी में बीमार और बुजुर्गों को आवश्यकता पड़ने पर निकाला जा सकता है। गांवों में मेडिकल टीम तैनात की गई है। हाईवे के सुचारू होने तक घाटी में हेली सेवा का संचालन किया जाएगा।

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