Aditya L1 Mission : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक डा. वायएस राजन ने आदित्य मिशन को लेकर बड़ी जानकारी दी है। उनका कहना है कि इसरो ने आदित्य मिशन की तैयारी 2008 में ही कर ली थी।
इसे पृथ्वी के निकट की कक्षा में ले जाने की योजना बनाई गई थी। डा. राजन के अनुसार इसरो के पास 15 साल से भी ज्यादा समय से अंतरिक्ष में अन्वेषण की योजना है। इसरो को इंटरप्लेनेटरी मिशन की आगे की चुनौतियों का भी सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
Aditya L1 Mission : इसरो प्रमुख बोले- राकेट और सैटेलाइट तैयार अब बस लांच के लिए तैयारी जारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ चेन्नई में जानकारी देते हुए बताया कि आदित्य-L1 के लिए हम बस लाचिंग की तैयारी कर रहे हैं। इसरो का राकेट और सैटेलाइट दोनों ही तैयार हैं। इस लांच के लिए रिहर्सल भी पूरा कर लिया गया है।
Aditya L1 Mission : चंद्रयान-3 बहुत अच्छे से काम कर रहा है
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने चंद्रयान-3 को लेकर कहा कि सब कुछ ठीक से काम कर रहा है। चंद्रयान से सारा डेटा बहुत अच्छे से आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 14 दिन के आखिरी तक हमारा मिशन सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाएगा।
Aditya L1 Mission : चंद्रमा पर सल्फर मिलना अच्छा संकेत है
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर कहा कि जांच में चंद्रमा पर सल्फर बहुत प्रमुख रूप में मिला है। इससे पहले भी चंद्रमा की सतह पर सल्फर मिला था, लेकिन वो इतनी प्रमुखता से नहीं मिला। उन्होने कहा, यह अवलोकन का अनोखा बिंदु है जो हमें हाल ही में मिला है।
आगे का विश्लेषण अभी भी चल रहा है लेकिन यह एक अच्छा संकेत है कि चंद्रमा पर सल्फर उपलब्ध है। इसके अलावा चंद्रमा पर आक्सीजन के निशान भी हैं, लेकिन हम हाइड्रोजन की तलाश कर रहे हैं क्योंकि हाइड्रोजन और आक्सीजन दोनों को एक मिलाने पर हम भविष्य में पानी बनाने के बारे में सोच सकते हैं।
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