शंखनाद INDIA/ देहरादून                                                                                                                                                                 अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का सफर रविवार को समाप्त हो गया। इस वर्ष के महोत्सव की समाप्ति के साथ ही योग महोत्सव को 30 वर्ष हो गए है। योग महोत्सव की शुरूआत 1992 में उत्तर-प्रदेश से हुई थी। एक सप्ताह से मुनिकीरेती में गढ़वाल मंडल विकास निगम और पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गंगा तट पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव अच्छे और बुरे पहलुओं से होकर गुजरा है। कोरोना महामारी के दौरान हुए इस आयोजन ने पिछले 30 वर्ष के सफर की उम्मीद को आगे बढ़ाया, लेकिन इस बार कोविड संक्रमण के चलते कयास लगाए जा रहे थे कि आयोजन होगा भी या नहीं
तीर्थ नगरी ऋषिकेश ने योग विधा को अंतर्राष्ट्रीय फसक पर पहुंचाने मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहां से हजारों की संख्या में युवक-युवतियां योग का प्रशिक्षण प्राप्त कर योगाचार्य के रूप में देश-दुनिया में योग के विस्तार में अहम भूमिका निभा रहे है। ऐसे में इस प्रकार के आयोजन का तीर्थनगरी में बड़े स्तर पर होना, इस शहर के लिए सुखद ही कहा जाएगा।

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