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देहरादून: महंगाई की एक औऱ मार पड़ी है. बता दें कि उत्तरााखंड में गेहूं और आटे के दाम में 10 से 15% तक की बढ़ोतरी हो गई है। चक्की पर मिलने वाले खुले आटे से लेकर बड़ी कंपनियों के ब्रांडेड आटे के प्रति 10 किलो के पैक की कीमत 20 से 25 रुपये तक बढ़ गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट खर्च जुड़ने से गेहूं और आटे के भाव थोड़े और ऊपर चढ़े हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इस महंगाई के पीछे इस साल सरकारी केंद्रों के बजाए खुले बाजार में गेहूं की अधिक बिक्री होना बताया जा रहा है। साथ ही पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में गेहूं की मात्रा घटने और सामान्य रियायती अनाज योजना से गेहूं की सप्लाई को पूरी तरह से बंद करने के कारण गेहूं की मांग में इजाफा हुआ है।
सरकार ने इस साल 22 लाख कुंतल गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था। प्रति कुंतल 2015 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ सरकार ने किसानों को हर कुंतल पर 20 रुपये बोनस भी दिया। लेकिन इस बार किसानों ने केवल 21 हजार 260 कुंतल गेहूं की सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचा। खुले बाजार में बेहतर मूल्य मिलने के कारण किसानों ने अपनी अधिकांश उपज को कारोबारियों और बड़ी फर्मों को ही बेचा है।
रुद्रप्रयाग में गेहूं का मूल्य 2200 से बढ़कर 2500 तक आ गया है। ब्रांडेड आटे के दस किलो के बैठ का मूल्य यहां भी 20 रुपये तक बढ़ा है। टिहरी में आटे के बैग में 30 रुपये तक की वृद्धि है। पौड़ी में भी यही स्थिति है। यहां चक्की का आटा प्रति किलो 26 से बढ़कर 30 रुपये तक हो गया है। रुड़की समेत बाकी स्थानों पर कमोवेश यही स्थिति है।
हल्द्वानी में गेहूं का मूल्य 2100 से बढ़कर 2300 रुपये और ब्रांडेड आटा प्रति किलो दो रुपये तक महंगा हुआ है। पिथौरागढ़ में गेंहू की तीन माह पहले कीमत 22 रुपये प्रति किलो थी। आज गेहूं का रेट 25 रुपये प्रति किलो है। ब्रांडेड आटा दो रुपये तो चक्की आटा साढ़े रुपये तक महंगा हुआ है। अल्मोड़ा में पैकिंग वाले आटे की कीमत तीन से चार रुपये प्रति किलो बढ़ी है।