गणेश जोशी/चौखुटिया:

स्वामी रामदेव ने महिलाओं को जननी बताते हुए उत्तराखंड की बहनों से सीख लेकर भारत ही नहीं विश्व में योग के माध्यम से परचम लहरा कर सीख लेने को कहा, उन्होंने कहा योग रूपी परम धर्म, सेवा धर्म, मानव धर्म और राष्ट्र धर्म की पताका फहराते हुए सनातन धर्म के गौरव को वैश्विक प्रतिष्ठा दिलाते हुए आगे बढने का समय आ गया है। उन्होंने मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि राम, कृष्ण और तमाम ऋषि मुनियां को जन्म देने वाली माताएं ही हैं। उन्होंने ऋषि मुनियों की परंपरा को अंगीकार करने, स्वदेशी पर जोर देने तथा वैदिक ज्ञान के साथ आगे बढ़ने की बात कही। कहा कि वे जल्द ही एक लाख साधकों के रहने लायक नगर बसाने की योजना बना रहे हैं। स्वामी ने कहा उनके जीवन का हर क्षण, उनका रोम रोम और पूरी संपत्ति राष्ट्र की संपत्ति है। वे हर भारतीय के जीवन को वैभवशाली बनाना चाहते हैं। इससे पूर्व दीप प्रज्वलित कर प्रांतीय महिला सम्मेलन का शुभारंभ किया।
स्वामी रामदेव बाखली खेल मैदान में आयोजित पतंजलि योग पीठ के प्रांतीय महिला सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने उत्तराखंड की देव भूमि को योग, साधना के लिए विश्व में सर्वश्रेष्ठ बताया कहा कि पहाड़ों में सुख सुविधाओं की कमी हो सकती है परंतु जीवन का असल आनंद पहाड़ की वादियों में ही है। कहा कि वे कहीं भी जाएं परंतु योग साधना के लिए उत्तराखंड में ही आता हूँ। कहा कि वे 18 घंटे पुरूषार्थ करते हैं। देश दुनियां में यूं ही नाम नही कमाया है सारे सूखों का परित्याग कर त्याग, तपस्या व साधना से योगी जीवन अपनाया है। बचपन में गुरूजनों से जो संस्कार मिले उसकी गांठ बांधकर आगे बढ़ा। फिर त्रषिमुनियों व वेदों का अनुसरण कर योग के माध्यम से करोड़ों लोगों के कल्याण में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि पहाड़ के जल, जंगल जमीन और जवानी को संवारने की दिशा में भी काम शुरू किया जा रहा है। पहाड़ के मडूवे व बिच्छूघास से लेकर पहाड़ी गाय के गौमूत्र को खरीदने का बीड़ा उठाया है।
कार्यक्रम को केंद्रीय महिला प्रभारी साध्वी देवप्रिया, भारतीय शिक्षा ‌बोर्ड पतंजलि के चेयरमेन एमपी सिंह, मुख्य केंद्रीय प्रभारी राकेश मित्तल आदि ने संबोधित किया। इससे पहले राज्य प्रभारी भष्कर ओली, महिला शाखा की राज्य प्रभारी सीमा जौहर, सह प्रभारी लक्ष्मी शाह, जानकी ओली आदि ने स्वागत किया। संचालन लीला जोशी व सीमा जौहर ने किया। इस मौके पर जिपंउ कांता रावत, ब्लाक प्रमुख किरन बिष्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष गणेश कांडपाल, दीपक नेगी सहित तमाम लोग मौजूद थे।

गढ़वाल व कुमाऊं की महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में किया बाबा का स्वागत
चौखुटिया , परंपरागत पांखुला पहनी रूद्रप्रयाग की महिलाओं व रंगवाली पिछौड़ा पहनकर आई स्थानीय महिलाओं ने पंक्तिबद्व खड़े होकर पुष्प वर्षा कर स्वामी जी का स्वागत किया। नृपेंद्र जोशी की टीम ने छोलिया व विजडम स्कूल के बच्चों ने योग का प्रदर्शन किया। इससे पहले महिलाओं ने शंखध्वनि से स्वागत किया।

चौखुटिया, गढ़वाल से आई महिलाओं की एक टोली पहाड़ी ककड़ी, मड़वे का आटा, करेला व पीसा हुआ पहाड़ी नमक लेकर आई थी। रामदेव की नजर जैसे ही उन पर पड़ी उन्होंने उन्हें तुरंत मंच पर बुला लिया और ककड़ी को दोनों हाथों से नीचे पटका और तोड़कर खाने लगे। इस दौरान उन्होंने लोगों के साथ फोटो भी खिंचवाए। तथा महिलाओं को आश्वस्त किया कि पहाड़ की हर उत्पादित वस्तु को खरीद कर महिलाओं को आगे बढ़ाएंगे ।

स्वामी रामदेव ने सेवा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाली देहरादून की जिला प्रभारी मुन्नी वैष्णव,रानीखेत की जिला प्रभारी मीना भारती व कोटद्वार की जिला प्रभारी आशा रावत को अपनी ओर से पुरस्कार के रूप में स्कूटी देने, राज्य प्रभारी सीमा जौहर को नई कार देने व अन्य सभी जिला प्रभारियों को दीवाली पर साड़ियां देने की घोषणा की।
रामदेव ने मंच से ही अनुलोम विलोम व कपाल भ्राति आदि योग कराकर निरोग रहने के टिप्स दिए। उन्होंने युवाओं से कुप्रवृत्तियों से दूर रहने को कहा। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कारों से ही सही समाज का निर्माण हो सकता है। युवाओं छोटे बच्चों से भी प्रात 5 बजे उठकर योग कर नए भारत के निर्माण में आगे बढ़ने को कहा।

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