लगातार पिछले कई दिनों से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी हैं। जिसके चलते यहां पर आए दिन बाहर से घूमने आए पर्यटकों की मौत हो जाती हैं। चलिए अब इसकी क्या वजह हैं वह जानते हैं….. आपको बता दे, इन दिनों भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर है। नदियों का तेज बहाव आपदा का सबब बन रहा है। जो लोग अपनी जान की परवाह किए बिना नदियों में मौज-मस्ती करने उतर रहे हैं, वो जान गंवा रहे हैं, फिर भी लोग इन हादसों से सबक नहीं ले रहे। रविवार को भी यही हुआ। नोएडा से मुनिकीरेती घूमने आए एयरटेल कंपनी के दल के दो सदस्य गंगा में डूब गए। कंपनी के सेंटर हेड गंगा में आचमन के लिए उतरे थे। इस दौरान पैर फिसलने से वह बहने लगे। सेंटर हेड को बचाने के चक्कर में कंपनी का एक मैनेजर भी तेज बहाव की चपेट में आ गया। हर खबर को पूरा पढ़ा कीजिए ….

जानते हैं पिछले 8 महीनो में क्या रहा हैं यहां का हाल ….

दोनों ही नदी की तेज धारा में ओझल हो गए। नदी के तेज बहाव में बहने वाले लोगों में नोएडा की एयरटेल एंड्राइड कंपनी के सेंटर हेड राहुल सिंह (36) पुत्र स्व. प्रेमपाल सिंह और कंपनी के मैनेजर भानुमूर्ति (37) पुत्र एबीएस नारायण शामिल हैं। वैसे ऋषिकेश में पर्यटकों के बहने की ये पहली घटना नहीं है। नदी की गहराई और तटों का अंदाजा न होने के कारण पर्यटक पक्के घाटों को छोड़कर संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में मौज-मस्ती करने के लिए नदी में उतर जाते हैं। नतीजन वे हादसे का शिकार हो जाते हैं। मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला क्षेत्र में महज आठ महीने में 18 पर्यटक बह चुके हैं। इनमें से 12 पर्यटकों के शव बरामद हो चुके हैं, जबकि 6 का कुछ पता नहीं लग सका। क्षेत्र मे लगातार हादसे हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला पुलिस ने गंगा घाटों पर पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। इसलिए आपको शंखनाद न्यूज़ आगाह करता हैं की इस समय ज्यादा से ज्यादा ट्रेवल न करे, तथा भीड़ वाले जगहों में जाने से बचे। पानी जहां ज्यादा हैं वह पर भी जाना जरा काम करे …..