Article 370 : जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में आया है। सर्वोच्च अदालत मंगलवार को केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
केंद्र सरकार ने इस केस में पेश अपने हलफनामे में कहा है कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से कश्मीर में शांति है और यहां विकास हुआ है।
5 जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी, जिनमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं।
अदालत इस बात पर सुनवाई कर सकती है कि क्या संसद जम्मू-कश्मीर के लोगों की सहमति के बिना अनुच्छेद 370 को खत्म कर सकती थी? साथ ही यह भी कि क्या जम्मू-कश्मीर का दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन संवैधानिक था।
Article 370 : धारा 370 को हटाना एकमात्र रास्ता
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हलफनामे में कहा है कि जम्मू-कश्मीर पिछले तीन दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा था। इस पर अंकुश लगाने के लिए धारा 370 को हटाना ही एकमात्र रास्ता था।
हलफनामे में कहा गया है कि आज घाटी में स्कूल, कॉलेज, उद्योग सहित सभी आवश्यक संस्थान सामान्य रूप से चल रहे हैं। औद्योगिक विकास हो रहा है और जो लोग डर में रहते थे वे शांति से रह रहे हैं।
मामले की आखिरी बार सुनवाई मार्च 2020 में पांच जजों की एक अलग बेंच ने की थी। उस सुनवाई में, बेंच ने मामले को सात जजों की बड़ी बेंच के पास भेजने से इनकार कर दिया था।
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