शंखनाद INDIA / राज्य की पर्वतीय महिलाओं को त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी हैं। कैबिनेट ने महिलाअेां के सिर से चारे का बोझ खत्म करने को मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को मंजूरी दे दी है राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में तकरीबन 3.14 लाख महिलाओं को पशु चारे के लिए न तो मीलों पैदल चलना होगा। और न ही चारे का बोझ ढोना पडे़गा। महिलाओं को इस बोझ से निजात दिलाने के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संकल्प को चुनावी वर्ष में सरकार ने पूरा कर दिया। इस योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में दूरस्थ ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों के पशुपालकों को पेक्ड सायलेज, संपूर्ण मिश्रित पशु आहार उनके घर तक पहुंचाया जाएगा । सायलेज उत्पादन एवं विपणन संघ लिमिटेड इस योजना को सचंालित करेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरूवार को उनके आवास पर मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में सात बिंदुओं पर निर्णय लिए गए। विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने की वजह से मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल घसियारी कल्याण योजना के क्रियान्वयन को अगले की धनराशि को स्वीकृति दी। योजना का लक्ष्य हासिल करने को मक्के की संयुक्त सहकारी खेती सायलेज, टीएमआर व पशुचारा उत्पादन इकाई की स्थापना एवं पशुपालकों को उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था बनाई गई है।
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