केदारघाटी

प्रदेश में आज हरेला लोकपर्व मनाया जा रहा है। जिसके तहत हर जिले में वृक्षारोपण  किया जा रहा है। रूद्रप्रयाग जिले के केदारघाटी में भी आज हरेला धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान महिलाओं से लेकर बच्चों ने पौधारोपण किया।

केदारघाटी में धूमधाम से मनाया गया हरेला लोकपर्व

केदार घाटी मे लोक पर्व हरेला धूमधाम से मनाया गया। सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओ द्वारा धरती के खाली भूभाग पर विभिन्न प्रजाति के पौधो का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लिया गया। विकासखंड की 66 ग्राम पंचायतो मे 9900 पौधों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है।

ग्राम पंचायतों में भी किया गया पौधारोपण

प्रत्येक ग्राम पंचायत मे हरेला पर्व धूमधाम से मनाया गया। खण्ड विकास अधिकारी अनुष्का ने ग्राम पंचायत डुगर सेमवाल मे आयोजित वृक्षारोपण मे शिरकत करते हुए ग्रामीणों को रोपित पौधो की सुरक्षा करने का आवाह्न किया। इस दौरान बच्चों ने भी पौधे लगाए।

क्यों मनाया जाता है हरेला ?

हरेला सावन लगने से नौ दिन पहले आषाढ़ में बोया जाता है। जिसे दस दिन बाद सावन के महीने के पहले दिन काटा जाता है। हरेले के शुभ पर्व पर मुख्यत शिव भगवान की पूजा की जाती है। हरेला का अर्थ है हरियाली इसलिए हरेले को प्रक़ति से जोड़ कर देखा जाता है। इसके साथ ही इस पर्व को शिव-पार्वती के विवाह के रूप में भी मनाया जाता है।