शंखनाद INDIA/ ऋषिकेश : अभी हाल ही में ऋषिकेश से गीता भवन के निष्कासित कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी हैं। जिसके बावजूद वह 24 घंटे के उपरांत भी टंकी पर ही विद्यमान हो रहे हैं। बता दे, फार्मेसी से निष्कासित नौ कर्मचारी और एक आठ साल का बच्चा आश्रम परिसर स्थित टंकी मौजूद हैं। उन्हें नीचे उतारने का प्रयास भी किया गया। परन्तु वह नीचे नहीं उतरे हैं। प्रशासन के मानने के बाद भी वह केवल लंबित वेतन के भुगतान को लेकर अपनी मांगो में अड़े हुए हैं। वहीं गीता भवन ट्रस्ट ने मामला लेबर कोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देते मांगों को लेकर अपना पल्ला झाड़ दिया है। वहीं बहादुर पासवान का आठ वर्ष का बेटा श्रीधांसु भी उसके साथ था। कर्मचारी नौकरी पर वापस रखने, 11 महीने के लंबित वेतन के भुगतान, पीएफ, ईएसआई और बीमा की सुविधा मांग करने लगे। वहीं मांग पूरी न होने पर टंकी से कूदकर आत्महत्या करने की चेतावनी दी। तहसीलदार के निर्देश पर लेबर अफसर मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि लेबर कोर्ट 12 नंवबर को मामले की सुनवाई होनी है। तहसीलदार मनजीत सिंह लेबर अफसर से बात कर 23 अक्तूबर को सुनवाई तय कराई। लेकिन इसके बाद कर्मचारी नहीं माने। फिलहाल तहसीलदार कर्मचारियों को मनाने में जुटे हैं।

बता दे, स्वर्गाश्रम स्थित गीता भवन की आयुर्वेदिक फार्मेंसी 16 दिसंबर 2020 को सिडकुल हरिद्वार स्थानांतरित हो गई थी। इसके बाद ट्रस्ट ने 32 कर्मचारियों को भुगतान करना बंद कर दिया था। 16 जून 2021 को इन कर्मचारियों को ट्रस्ट ने निष्काषित कर दिया था। इसके बाद कर्मचारियों ने ट्रस्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। हाल में न्यायालय की ओर से कर्मचारियों को आवास खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। जिससे कर्मचारियों में जबरदस्त अक्रोश था। शुक्रवार सुबह निष्कासित कर्मचारी मनोरंजन पासवान, प्रमोद यादव, ललित पासवान, दलीप पासवान, मानव राय, श्रीराम पासवान, बहादुर पासवान, बिजेंद्र, धीरेंद्र सिंह बिष्ट टंकी पर चढ़ गए थे।