जितेन्द्र कठैत चमोली/
जिस गाँव के नेता विकास की बात करते हैं जनता के सामने यदि उसी गाँव के लोग विकास की दौड़ में पिछड़े हों तो कैसा लगेगा!उत्तराखण्ड राज्य बने 21 वर्ष हो गए फिर भी ग्राम सभा पाणा व इराणी के लोग आज भी मिलों पैदल चल कर सडक तक पहुंचते हैं,
रविवार को जब पाणा गाँव के शंकर सिंह की पत्नी छाचरी देवी के पैर में पहले से चोट लगने से वह अब अधिक घाव बनने से उनको जिला चिकितसालय गोपेश्वर ले जाना पड़ा तो उनको पालकी के सहारे लाया गया कोई बीमार हो जाता है या कोई गिर जाता है तो उनको डंडी कंडी या पालकी बना कर लगभग 6 किलोमीटर पैदल चलकर पगना सडक तक पहुंचाया जाता है बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बड़ा रहता है जिसमे कोई पुल नही बने हैं सिर्फ स्थानीय स्तर से लकड़ी की पुलिया बनाई होती है। जिसमे आने जाने पर भी खतरा बना रहता हैं,हालात ऐसे रहते है मानो सर पर कफ़न बांध कर पुलिया को पार करना होता है। स्थानीय लोगों ने शासन व प्रशासन को हजारों बार लिखित में, सोशियल मीडिया के माध्यम से, भी दे दिया है पाणा इराणी की सड़क को बनते बनते कई वर्ष बीत गए।और देखने में तो निजमुला क्षेत्र के भारी भरकम नेता वर्तमान सरकार में दमखम रखते हैं दुर्भाग्य है पाणा व इराणी ग्राम सभा का जो वर्तमान सरकार ने इन्ही दोनों गाँव से भाजयुमो प्रदेश में सह संयोजक का पद व जिला अध्यक्ष चमोली के पद से नवाजा गया ताकि दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र से विकास की गंगा नीचे को बहेगी। लेकिन राजनीति की गंगा ने चक्रब्युह ऐसा रचा निजमुला घाटी में । की आज जनता दुःख भरे दिन देख रही । क्षेत्र के जो भी नेता आज बने हुए उन्होंने सिर्फ छलावा किया है। कॉपरेटिव बैंक के संवैधानिक पद पर भी वही से चैयरमेन हैं व प्रधान संघ के अध्यक्ष भी इसी घाटी से हैं व वर्तमान सरकार के न जाने कितने पदधारी इस घाटी में हैं और वर्तमान सरकार कितने भी वादे करे पर यहां आम जन मानस को खतरा व जीवन जीना मुश्किल हो रखा हैं।