उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) से बर्खास्त कर्मचारियों का धरना (Protest) आज भी जारी रहा। कार्मिकों ने महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखकर न्याय न मिलने की स्थिति में इच्छा मृत्यु के लिए अनुमति मांगी है। कार्मिकों ने पत्र में लिखा की (Uttarakhand) उत्तराखण्ड राज्य गठन के समय से ही विधानसभा सचिवालय (Secretariat) , उत्तराखण्ड में हुई सभी भर्तियां अवैध है परन्तु कार्यवाही केवल वर्ष 2016 और 2021 में नियुक्त कार्मिकों पर ही की गई है। वर्ष 2000 से 2015 तक के कार्मिकों को केवल इसलिए बचा लिया गया कि वह लोग नियमित हो चुके है, हटाए गए कार्मिकों में कई कार्मिक विकलांग, विधवा हैं और कई कार्मिक ओवर ऐज हो चुके है।

जिस कारण सबके सामने रोजी-रोटी का संकट आ चुका है। अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे है। धरना प्रदर्शन के दौरान बर्खास्त कार्मिकों के बच्चों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को न्यू ईयर की शुभकामना के ग्रीटिंग भी पोस्ट किए गए। बच्चों ने अपने भविष्य के लिए माता-पिता की नौकरी की बहाली के लिए ग्रीटिंग के माध्यम से पुनर्विचार के लिए आग्रह किया। धरने के दौरान कई छात्र संगठनों ने धरने का समर्थन किया।

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