शंखनाद INDIA/ देहरादून। उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में शिक्षक/कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग  अच्छा असर दिखाएगी। रैली में दिखे तेवर और राज्य का मौजूदा राजनीतिक  हालात  भी  इसका इशारा कर रहे हैं। पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सात नवंबर रविवार को देहरादून में हुई चेतावनी रैली पूरी तरह से सफल रही। रैली में शिक्षक/कर्मचारियों द्वारा दिखाए गए सयंमित तेवर से तय हो गया है कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग विधानसभा चुनाव में असर दिखाएगी। डंके की चोट पर पुराने पेंशन बहाली पर ना करने वाले सत्ताधीशों के लिए इस मांग की अनदेखी भारी पड़ेगी। उत्तराखंड में कांग्रेस समेत सारा विपक्ष शिक्षक/कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर समर्थन व्यक्त कर चुका है।

केंद्र और  राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक चुप्पी साधी है। भाजपा सरकार के मंत्री और पार्टी के विधायक इस मामले को दिखाने की बात करते रहे हैं। पार्टी और सरकार ने अभी तक इस पर स्टैंड क्लीयर नहीं किया। ऐसे में पुरानी पेंशन बहाली में रोड़ा कहां से अटक रहा है ये शिक्षक/कर्मचारी अच्छे से समझ चुके हैं। रैली में शामिल शिक्षक/कर्मचारी बगैर लाग लपेट के इस पर बोलते भी सुने गए। सत्ताधीशों की नैतिकता पर ये कहते हुए सवाल उठ रहे हैं कि वो स्वयं पेंशन का लाभ उठा रहे हैं और कर्मचारियों से पेंशन छीन ली है।

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