पूनम चौधरी शंखनाद इंडिया देहरादून:
उत्तराखंड राज्य से एक बड़ी खबर: यूपीसीएल यानी( उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड) में निदेशकों की संख्या कम कर दी गई है। आपको बता दें कि निगम में अब केवल तीन निदेशक ही होंगे। इस संबंध में आदेश जारी हो गया है। ऊर्जा मंत्रालय के ताजा नियमों के हिसाब से यह बदलाव लागू हो रहे हैं। इन्हें लागू करने पर यूपीसीएल को केंद्र से 900 करोड़ से अधिक की सहायता मिलेगी। इन पैसों से बिजली चोरी रोकने से लेकर लाइनलॉस को कम करने जैसे अहम काम होंगे। अभी तक यूपीसीएल में एमडी के अलावा निदेशक वित्त, निदेशक प्रोजेक्ट, निदेशक एचआर, निदेशक ऑपरेशन जैसे पद होते थे।
यूपीसीएल में होंगे केवल तीन निदेशक
– ताजा आदेश के बाद अब यूपीसीएल में केवल तीन निदेशक होंगे।
– पहला पद निदेशक वित्त का होगा।
– दूसरा पद निदेशक ऑपरेशन व प्रोजेक्ट
– तीसरा पद निदेशक कॉमर्शियल एंड एनर्जी एकाउंटिंग का होगा।
आपको बता दे की यह तीसरा पद पहली बार आया है। वहीं, एमडी, निदेशकों, स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति और हटाने का अधिकार चयन समिति को होगा। इस चयन समिति में मुख्य सचिव अध्यक्ष होंगे, जबकि सचिव ऊर्जा, सचिव प्रशासन, आईआईटी या आईआईएम के निदेशक और ऊर्जा मंत्रालय की ओर से नामित अधिकारी इसमें सदस्य होंगे।
16 लाख घरों में लगेंगे स्मार्ट मीटर
जी हां,यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि सबसे पहले कॉमर्शियल और पांच किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के प्रतिष्ठानों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। प्रति मीटर औसत छह हजार रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से 22.5 प्रतिशत पैसा केंद्र से ग्रांट के तौर पर मिलेगा। बाकी पैसा मीटर लगाने वाली कंपनी को यूपीसीएल की ओर से प्रति मीटर प्रतिमाह के हिसाब से दस साल तक दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को इस मीटर के लिए अलग से कोई खर्च नहीं देना होगा। इन स्मार्ट मीटर से यूपीसीएल सभी उपभोक्ताओं पर नजर रख सकेगा। बिजली चोरी भी पकड़ में आ सकेगी।
नियंत्रित खर्च, केंद्र से मिलेगा पैसा
यूपीसीएल में अभी निदेशकों का भारी भरकम खर्च है। यह खर्च नई व्यवस्था के बाद नियंत्रित हो जाएगा। इसके साथ ही इन सभी बदलावों को लागू करने के बाद केंद्र सरकार से करीब 900 करोड़ रुपये का लोन मिलेगा। इस पैसे से ही स्मार्ट मीटर सहित तमाम बदलाव लागू होंगे। इसके साथ ही लाइन लॉस को कम करने में विशेष कार्ययोजना बनेगी।
आपको यह भी बता दें की ऊर्जा मंत्रालय ने सभी डिस्कॉम को लेकर नई गाइडलाइंस दी है। इसी हिसाब से निदेशकों के पद कम किए गए हैं। बाकी बदलाव भी उसी के हिसाब से सरकार ने लागू किए हैं।