शंखनाद INDIA/पंकज सिंह/बागेश्वर-: ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक और धामिर्क मेले की पहचान रखने वाला उत्तरायणी मेला इस बार कोरोना के चलते धार्मिक मेले के रूप में सिमट गया। गंगा स्नान और जनेऊ संस्कार कराने के लिए जिला समेत बाहरी क्षेत्र से लोग यहां पहुंचे। सूरजकुंड और सरयू बगड़ में संस्कार कराने के लिए नगर पालिका ने अस्थायी स्नानागार आदि बनाए थे। इसके अलावा मेले में अन्य सालों की तरह आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के अलावा रात्रि जागरण आदि नहीं हुए।

मालूम हो कि उत्तरायणी मेले में गंगा स्नान के अलावा स्थानीय उत्पादन के अलावा बाहरी क्षेत्र के उत्पाद बिकते हैं। नुमाईशखेत में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच आदि बनाया जाता था। इस मंच पर रात एक बजे तक रंगारंग कार्यक्रम होते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते मेले को सिर्फ धार्मिक मेले का रूप दिया गया। बुधवार को मेले का आगाज हुआ। धाार्मिक पक्ष को देखते हुए बागनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया। गुरुवार की सुबह से ही लोग गंगा स्नान करने के लिए जिला मुख्यालय में आने लगे।

सरयू स्नान के बाद लोगों ने मंदिर में जाकर बाबा को जल चढ़ाया। इसके बाद सोशल डिस्टेस का पालन करते हुए पूजा अर्चना की। इसके अलावा सूरजकुंड और सरयू बगड़ में लोग अपने बच्चों का मुंडन, उपनयन संस्कार आदि कराने पहुंचे। इसके लिए लोग वाहन बुक कराकर पहुंचे। गंगा स्नान को आए लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए पालिका ने अस्थायी स्नानागार और चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। इसके अलावा सरयू बगड़ में अस्थायी पुलिस चौकी बनाए गए हैं। पुलिस लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा रहे थे।

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