उत्तराखंड में पहाड़ो में भारी से बहुत भारी बारिश के चलते मकानों के दरकने की खबरे सामने आ रही है। आपको बता दे, अब यह डराने वाली घटना मुनस्यारी के सैणराथी गांव से आई है, जहां भारी बारिश के बाद गांव के ऊपरी हिस्से में जमीन फट गई। गांव के एक बड़े भूभाग में जमीन पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। इन दरारों की चौड़ाई कुछ स्थानों पर 15 सेंटीमीटर से अधिक है। जमीन दरकने से गिरगांव और भंडारीगांव के कई मकान खतरे की जद में आकर टुकड़ों में तब्दील हो रहे हैं। इन घरों में रहना कितना खतरनाक हो सकता है, इसका अंदाजा आप तस्वीरें देखकर लगा सकते हैं। गिरगांव और भंडारीगांव थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग में स्थित है, जहां पिछले एक महीने से जमीन दरक रही है। जाकुला नदी से लेकर गांव तक जमीन धंसने से मकान धीरे-धीरे टूटकर कई हिस्सों में बंट रहे हैं। राहत इस बात की है कि प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करा दिया है। आप तस्वीरो को देखे ……..

गुरुवार को राजस्व विभाग ने कैलाश सिंह के परिवार को सुरक्षित जगह पर भेजा। कैलाश सिंह का मकान भी खतरे की जद में हैं। इस तरह लोगों को फिलहाल सुरक्षित जगहों पर भेज दिया गया है, पर अपने आशियानों को यूं टुकड़ों में बिखरता देख यहां के लोग बेहद दुखी हैं। इसी गांव के ठीक सामने स्थित सैणराथी के खेता तोक में भी आपदा ने दस्तक दी है। यहां जमीन में 20 से 50 मीटर लंबी और 15 सेमी चौड़ी दरारें पड़ गई हैं। खेता गांव में भूस्खलन होने से आधा दर्जन मकान खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीण डरे हुए हैं और प्रशासन की तरफ से मदद मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि खेता गांव में जमीन धीरे-धीरे धंसती जा रही है। घरों और खेतों में दरारें दिख रही हैं। उन्होंने प्रशासन से तत्काल जमीन की सुरक्षा के इंतजाम करने और उचित मुआवजे की मांग की। एसडीएम मुनस्यारी अभय प्रताप सिंह का कहना है कि शीघ्र ही क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जाएगा। राजस्व टीम को गांव में भेजा गया है। जो मकान खतरे की जद में आए हैं उनमें रहने वाले परिवारों को शिफ्ट किया जा रहा है।

 

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