गणेश जोशी  /चौखुटिया /

रामगंगा नदी चरणों की ओर जबकि नहर मस्तक की ओर है इसके बाद भी हर वर्ष सिंचाई विभाग की मार काश्तकार झेल रहे हैं, लेकिन इस बार मौसम की ऐसी मार पड़ी की क्षेत्र के दर्जनों गांवों की धान सहित अन्य दलहनी फसलें सूख गई है जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को खनुली मैं सुखी धान फसल पर आग लगाने के साथ रूवासे स्वरों में शासन- प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताते हुये नुकसान का मुआवजा देने की मांग प्रदेश सरकार से की, कार्रवाई नहीं होने पर तहसील मुख्यालय पर सूखे पौधों को लेकर प्रदर्शन के साथ आंदोलन करने की चेतावनी दी।
उल्लेखनीय है कि रामगंगा बायी नहर के अलावा चमसील पर बने सिंचाई पंप से खनुली , मासी क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था होती है लेकिन पम्प हमेशा खराब रहता है ।

हर बार खरीफ फसल में सिंचाई पानी जेठुआ, दीपाकोट,झुडंगा, खनुली, मासी चौना तक नहीं पहुंच पाता इस वर्ष समय-समय पर बारिश नहीं होने से अच्छी पैदावार भी नहीं हो पाई सिंचाई विभाग द्वारा समय पर पानी नहीं पहुंचाए जाने से दर्जनभर गांव की धान फसल के साथ भट्ट ,सोयाबीन ,गहत आदि दलहनी फसलें सूख गई हैं जहां धान पर बाल नहीं आई वही तिलहनी फसलें फूल आने से पूर्व सूख गई है जिससे काश्तकारों के आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

 


बुधवार को खनुली मैं गुस्साए ग्रामीण काश्तकारों ने सूखे धान फसल पर आग लगाकर विरोध जताया साथ ही रूवासे मन से शासन- प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की ग्रामीण काश्तकारों ने सूखी फसल हाथ में लेकर नुकसान का शीघ्र सर्वे कर मुआवजा देने की मांग की। ग्रामीण काश्तकारों का कहना है कि तहसील मुख्यालय में पहुंचकर धरना प्रदर्शन के साथ सुखी फसल मुआवजे की मांग की जाएगी।