शंखनाद INDIA/ भाष्कर द्विवेदी/पौड़ी ब्यूरो

उत्तराखंड जड़ी-बूटी उगाकर कमा सकते हैं लाखों रुपए
प्रदेश में हाई एल्टीट्यूड के प्लांट्स से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है
भविष्य में भी इम्युनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियों, दवाओं की मांग बनी रहेगी

जनपद पौडी़ के खिर्सू विकास खंड के अंतर्गत  पोखरी, चलणस्यूं तथा मंगलाकोटी गावों के किसानों को जिवन्ति वैलफेयर एवं चैरिटेबल ट्रस्ट, डाबर इन्डिया लि0 के वित्तीय सहयोग से आयोजित एक दिवसीय जडी़ बूटी किसान कार्यशाला में उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी शोध केन्द्र (हैप्रेक), हे0न0ब0ग0वि0वि0, श्रीनगर द्वारा तकनिकी प्रशिक्षण दिये जाने के साथ ही समेवा तथा तेजपात की खेती को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से 5000 पौध वितरित की गयी, कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वैद्य श्री रामकृष्ण पोखरियाल द्वारा कहा गया कि जडी़ बूटियों के संरक्षण के लिये कृषिकरण जरूरी है, जिसके लिये ग0वि0वि0 के प्रयास सराहनीय हैं, उन्होंने कहा कि जोभी जडी़ बूटी उत्पाद गांव वाले तैयार करेंगे उसको वो स्वयं दवाई बनाने हेतु खरीदेंगे,कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष पोखरी के प्रधान श्री महादेव प्रसाद बहुगुणा ने कहा कि जानकारी के अभाव में इस क्षेत्र में लोगों के साथ जमीनी स्तर पर कार्य नहीं हो पा रहा है जिसके लिये भविष्य में ग0वि0वि0 से तकनीकी सहयोग लेकर जडी़ बूटी कृषिकरण को और अधिक बढावा देकर क्षेत्र के विकास में योगदान शुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा, कार्यक्रम में निरंकार महिला स्वयम सहायता समूह की अध्यक्षा श्रीमती दुर्गेश देवी द्वारा कहा गया कि गांव में काम करने के इच्छुक किसानों के पास कम जमीन है इसलिये जडी़ बूटी लगाने के लिये गांव के आस पास की खाली जमीन का उपयोग किया जाना चाहिये, प्रशिक्षण एवं पौध वितरण किसान कार्यशाला में लगभग 30 किसान मौजूद रहे , जड़ी बूटी के साथ परंपरागत कृषि को बढ़ावा देकर उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वरोजगार और बढ़ते पलायन पर भी लगाम लगाया जा सकता है यदि सरकार और प्रशासनिक इकाइयां इसमें उचित सहायता और सहयोग करें

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