कल आप सभी ने कृष्ण जन्माष्टमी मनाई होगी पर क्या आपने यह त्यौहार मनाया इस त्यौहार का नाम है “दुबड़ी त्यौहार” जी हां, यह त्यौहार आज भी टिहरी गढ़वाल के जौनसार इलाके में मनाया जाता है और वह भी पूरी परम्पराओं के साथ चलिए आज हम आपको इस त्यौहार के बारे में संपूर्ण जानकारी देते हैं।……पढ़ते रहे शंखनाद न्यूज़ को…… टिहरी गढ़वाल जिले के जौनपुर इलाके में मनाया जाने वाला दुबड़ी त्योहार अपने आप में बेहद अनूठा पर्व है। इस पर्व को लेकर कई मान्यताएं हैं, इन्हीं में से एक मान्यता ये भी है कि इस दिन गांव की सभी बहनें अपने मायके आती हैं और दुबड़ी के दिन वो अपने भाई की खुशहाली के लिए पूजा करती हैं। हालांकि इसे मनाने का तरीका थोड़ा अलग होता है। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में जिस गांव में बालिका का जन्म होता है, उस गांव में ये त्योहार मनाया जाता है और इस वजह से दुबड़ी को पहाड़ का रक्षाबंधन भी कहा जाता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है की जन्माष्टमी के दिन किसी गांव में कन्या का जन्म होता है तो गांव में शुद्धि स्वरूप इस त्योहार को मनाया जाता है। कुछ लोग ये भी मानते हैं कि अगर इस दिन किसी कन्या की मृत्यु होती है, तो वहां दुबड़ी पर्व तब तक नहीं मनाया जाता, जब तक उस गांव में जनमाष्ट्मी या दुबड़ी के दिन कन्या का जन्म न हो जाए। चलिए अब देखते हैं वीडियो। …..