शंखनाद INDIA/ नई दिल्ली

इस समय पूरा देश कोरोना महामारी की जंग से लड़ रहा है| लाखों मरीज कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, रोजाना न जाने कितने लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो रही है| सरकार की कोई भी कोशिश, दवाई और वैक्सीनेशन प्रक्रिया भी इस महामारी के आगे सफल नहीं हो रही है| ऐसे में अब सरकार की परेशानी बढ़ रही है|  इस बीच देश की इस जंग को जीतने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने अहमदाबाद की दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला की ‘विराफिन’ के देश में आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है|

इस दवाई को मध्यम श्रेणी के वयस्क कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है।  जायडस के जिस विराफिन इंजेक्शन को मंजूरी मिली है, उसका पूरा नाम पेगिलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा-2 बी ‘विराफिन’  है। पहले इसे लीवर के रोग हेपेटाइटिस सी के उपचार के लिए 10 साल पहले मंजूरी मिली थी। अब इसे कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्रस्तावित किया गया है।  जायडस कैडिला ने कहा कि पेगिलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा-2 बी ‘विराफिन’ को कोविड-19 संक्रमति वयस्कों में आपात इस्तेमाल से काफी मदद मिलती है| जायडस कैडिला ने कहा कि अस्पतालों को ‘विराफिन’ मुहैया कराई जाएगी|

पेगिलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा-2 बी ‘विराफिन’ दवा कोरोना के ईलाज में 91.15 फीसद असरदार साबित हुई है| दावा किया गया है कि इस दवा को समय रहते देने पर मरीजों को जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है और बीमारी के विकसित चरणों में देखी गई जटिलता को टाल सकती है| साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि विराफिन के इस्तेमाल के बाद मरीज को ऑक्सीजन की भी जरूरत नहीं पड़ रही है| तीसरे चरण के मानव परीक्षण के शुरुआती नतीजों से पता चला कि दवा के इस्तेमाल से 7 दिन के अंदर कोविड-19 के 91.15 फीसद मरीज ठीक हो गए और उनकी पॉजिटिव कोरोना की जांच रिपोर्ट आरटीपीसीआर टेस्ट में निगेटिव आई| जायडस के अनुसार विराफिन इंजेक्शन के एक डोज से ही कोरोना रोगियों के इलाज में बहुत मदद मिलेगी। कोविड रोगियों को संक्रमण के बाद ही यदि इसे लगा दिया गया तो उनकी तेजी से रिकवरी हो सकेगी और उन्हें अन्य परेशानियों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।