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Delhi महिला आयोग ने SBI को एक नोटिस जारी कर महिला अभ्यर्थियों के लिए बनाए गए नियमों को वापस लेने की अपील की है। बैंक के नए नियम के अनुसार यदि कोई महिला अभ्यर्थी तीन महीने से अधिक की गर्भवती है तो उसे अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा।

DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल ने भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे हटाने की अपील की है। बताते चलें कि नए दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी महिला प्रसव होने के 4 महीने के भीतर ड्यूटी ज्वाइन कर सकती है। इससे पहले 6 महीने की गर्भावस्था वाली महिला उम्मीदवारों को अलग अलग शर्तो के साथ बैंक काम करने की अनुमति थी।

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के इस नई गाइडलाइन की इंप्लाइज एसोसिएशन ने भी आलोचना की है। नई भर्तियों और प्रमोशन के लिए अपने नए मेडिकल फिटनेस दिशानिर्देशों में बैंक ने कहा कि एक अभ्यर्थी को तभी फिट माना जाएगा जब वह तीन महीने से कम की प्रेग्नेंट हो।

Delhi : स्त्री रोग विशेषषज्ञ द्वारा प्रमाणपत्र करना होगा जारी

हालांकि अगर वह 3 महीने से ज्यादा की गर्भवती है तो उसे अस्थायी रूप से अयोग्य माना जाएगा और उसे बच्चे के पैदा होने के चार महीने के भीतर शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है। प्रमोशन के संबंध में संशोधित मानक एक अप्रैल 2022 से लागू होंगे।

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नई शर्तो में यह भी शामिल है कि एक स्त्री रोग विशेषषज्ञ द्वारा जारी प्रमाणपत्र भी पेश करना होगा, जिसमें लिखा होगा कि ऐसी हालत में बैंक की नौकरी करने से उसकी गर्भावस्था या भ्रण के विकास में कोई दिक्कत नहीं होगी, स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा या उसका गर्भपात नहीं होगा।

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