मानसून सीजन में मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जिला प्रशासन लोगों को जागरुक कर रहा है। पिछले वर्ष जो क्षेत्र डेंगू के हॉटस्पॉट बने थे, उन क्षेत्रों की अधिक निगरानी की जा रही है। खास तौर पर इस बात पर फोकस रखा जा रहा है कि उन जगहों पर जहां डेंगू के लार्वा पाए जाते हैं उनको जल्द से जल्द नष्ट किया जाए। इस कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 491 आशा कार्यकत्रियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। सभी आशा कार्यकत्रियों को घर-घर जाकर लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जागरुक कर रही हैं और जहां पर डेंगू के लार्वा मिल रहा है उनको नष्ट भी कर रही हैं।

पिछले साल देहरादून में नेहरू ग्राम, बंगाली कोठी और ननूरखेड़ा सहित 14 संवेदनशील एरिया हैं। इसके साथ ही साथ ऋषिकेश में भी 8 संवेदनशील एरिया हैं, जहां पर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। आपको बता दें कि डेंगू की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन महाअभियान शुरू करने जा रहा है। इसके लिए जिला स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिलाधिकारी सोनिका ने 33 अधिकारियों को निगरानी के लिए अलग-अलग वार्ड आवंटित किए हैं। ये अधिकारी नियंत्रण कार्यों की दैनिक रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे।

इस महाअभियान के दौरान प्रत्येक आशा कार्यकत्री, आशा फैसिलिटेटर, कम्युनिटी हैल्थ आफिसर, नगर निगम सैनेट्री सुपरवाइजर, डेंगू वालिंटियर अपने निर्धारित क्षेत्रों में प्रतिदिन 50 घरों में डेंगू की रोकथाम के लिए कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा टीम डेंगू से बचाव को प्रचार-प्रसार संबंधी सामग्री वितरित करेगी और दैनिक गतिविधियों को निर्धारित प्रारूप में प्रश्नोत्तरी के हिसाब से भरकर प्रत्येक दिन अपने सुपरवाईजर को प्रेषित करेगी जिला स्तरीय अधिकारी भी अपने अपने क्षेत्रों की निगरानी करते हुए दैनिक रूप से सूचित करेंगे समस्त सूचना दैनिक रूप से जिला डेंगू कंट्रोल रूम एवं जिला आइडीएसपी टीम संकलित करेगी, जिसे जिलाधिकारी तथा राज्य स्तर को प्रेषित किया जाएगा।

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