देहरादून। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) द्वारा सहस्त्रधारा रोड स्थित हैलीपैड के सामने विकसित सिटी फॉरेस्ट पार्क तेजी से देहरादून का नया प्रतीक बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदृष्टि से तैयार यह ड्रीम प्रोजेक्ट न केवल शहरवासियों की पहली पसंद बन रहा है, बल्कि राज्य में हरित-शहरी विकास का मॉडल भी प्रस्तुत कर रहा है।

लगभग 12.45 हेक्टेयर में फैला यह पार्क प्रकृति, स्वास्थ्य, आयुर्वेद, योग, मनोरंजन और पर्यटन का अनूठा संयोजन है।

 

बाल दिवस के अवसर पर मंगलवार को पार्क में बच्चों की असाधारण भीड़ देखी गई। स्कूलों से आए छात्र-छात्राओं ने प्राकृतिक पगडंडियों, बांस के गज़ेबो, ट्री हाउस और फिटनेस ट्रेल का भरपूर आनंद लिया। शिक्षकों ने कहा कि शहर के बीच इतना विशाल, सुरक्षित और प्राकृतिक माहौल बच्चों के लिए किसी विशेष उपहार से कम नहीं है। एमडीडीए द्वारा बच्चों के लिए जलपान की व्यवस्था भी की गई थी।

सिटी फॉरेस्ट पार्क की सबसे बड़ी विशेषता इसका वन जैसा प्राकृतिक वातावरण है। विकास कार्यों के दौरान ढलानों, पेड़ों, मौसमी नालों और मिट्टी की संरचना को सुरक्षित रखते हुए सुविधाएँ विकसित की गई हैं।

पार्क में 1.2 किलोमीटर लंबा फिटनेस ट्रेल, साइकिल ट्रैक, जॉगिंग पाथ, बच्चों का प्राकृतिक मेज़ (Maze), झूला पुल, योग-ध्यान केंद्र, एक्यूपंक्चर ज़ोन, ट्री हाउस, स्केटिंग रिंक, ओपन एयर थिएटर, पठन क्षेत्र और कैफेटेरिया जैसी कई आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

लगभग 40.07 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया यह पार्क हर आयु वर्ग के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। इसके प्रवेश द्वार को महासू देवता मंदिर की पारंपरिक शैली में सजाया गया है। पार्किंग, सूचना केंद्र, स्वच्छ शौचालय, सजावटी पौधे, वेटलैंड रिस्टोरेशन ज़ोन, पेबल क्रॉसिंग और प्राकृतिक वॉकवे इसके सौंदर्य और उपयोगिता को बढ़ाते हैं।

उद्घाटन के बाद से प्रतिदिन हजारों लोग जॉगिंग, योग और सैर के लिए पार्क पहुंच रहे हैं। परिवारों के साथ-साथ बुजुर्गों और महिलाओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि यह पार्क मुख्यमंत्री की हरित-शहरी विकास सोच का परिणाम है और आने वाले समय में देहरादून का “धड़कता दिल” बनेगा। वहीं, सचिव मोहन सिंह बर्निया ने इसे देहरादून की भविष्य की हरित-धरोहर बताया।

पार्क के पूर्ण विकास से सहस्त्रधारा क्षेत्र में पर्यटन, रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।