शंखनाद INDIA/ देहरादून
बीते दिनों कुंभ मेले में ड्यूटी के दौरान मृत मिले कांस्टेबल गणेश नाथ का पार्थिव शरीर मंगलवार को बागेश्वर स्थित गरुड़ पहुंचा। लेकिन पार्थिव शरीर को जिस तरह से लाया गया था उसे देख परिजन और गांव वालों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला| दरअसल, कांस्टेबल गणेश नाथ के पार्थिव शरीर को ताबूत के बजाय बिस्तर बंद में लाया गया| कांस्टेबल का पार्थिव शरीर पूरी तरह से सड़-गल गया था जिस कारण मृतक की पत्नी, बच्चे और अन्य परिजन उनके अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाए। परिजन और ग्रामीणों ने इस बात को लेकर पुलिस के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया|
बता दें कि रामपुर गांव निवासी कांस्टेबल गणेश नाथ नैनीताल जिले में तैनात थे। 13 मार्च से उनकी हरिद्वार कुंभ में ड्यूटी लगी थी। वह बैरक के बजाय एक होटल में रह रहे थे। 28 मार्च को गणेश का शव होटल के बाहर उनकी कार में बरामद हुआ। जिसके बाद मंगलवार को उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बागेश्वर स्थित गरुड़ पहुंचाया गया| लेकिन पुलिस जवान गणेश के शव को ताबूत के बजाय बिस्तर बंद में लेकर उनके घर पहुंची। और इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ हंगामा कर अपना गुस्सा जाहिर किया|
ग्रामीणों का कहना है कि यह बेहद शर्मनाक घटना है। मृतक गनेश नाथ के पिता भी पुलिस में तैनात थे जिनकी पहले ही मौत हो चुकी है| गणेश की पत्नी और भाई भी पुलिस में तैनात हैं। पुलिस की इस लापरवाही से परिवार में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि उत्तराखंड पुलिस अपने ही साथी को एक ताबूत भी उपलब्ध नहीं करा सकी।