शंखनाद INDIA / पौड़ी संवाददाता
मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार और जनपद पौड़ी के लाल त्रिवेंद्र सिंह रावत जी के पौड़ी गढ़वाल मुख्यालय के दौरे से पहले बढ़ी आम जनमानस की मुसीबतें जिससे जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान क्योंकि जिस तरह से जिला प्रशासन द्वारा दिनांक 28 जनवरी की शाम के दौरे से पहले बिना किसी जानकारी के 10 बजे सुबह सड़क पर अपना वाहन घुमाकर अनाउंसमेंट किया जा रहा सड़कों से गाड़ी हटाने का उससे आफिस कार्यालयों में गये लोगों की गाड़ियों को कैसे हटाया जाएगा और कौन हटाएगा और यदि उन्हें जबरदस्ती हटाया गया तो जो टूट फूट होगी उसका जिम्मेदार कौन होगा ये यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है , और इन सबके बीच पौड़ी जिले मुख्यालय की विकट भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए लगभग सभी मकानों तक वाहनों की आवाजाही की कोई उचित व्यवस्था नहीं है जिससे अधिकतर गाडियां सड़कों के किनारे पीडब्ल्यूडी के पैरामीटर से बाहर खड़ी रहती हैं और अधिकांश गाडियां डेलीवेज के ड्राइवरों द्वारा संचालित होती हैं और आनन फानन में यदि इन गाड़ियों को हटाने का फरमान जारी किया जाएगा तो कठिनाईयों में फंसे जनमानस की सुध कौन लेगा , चार चार मुख्यमंत्रियों को देने वाले जनपद मुख्यालय की इस बदहाली के लिए आखिर जिम्मेदार किसे माना जाए क्या इस तरह के दौरों की व्यवस्थाओं के लिए गढ़वाल कमिश्नरी मुख्यालय में समुचित पार्किंग की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए थी ,ये प्रश्न आजीवन पौड़ी जिले की जनता इन हुक्मरानों से पूछती रहेगी