शंखनाद INDIA /                                                                                                                                                 उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आज  प्रदेश सरकार की ओर से 57 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। सैकड़ों लघु उद्योगों पर लॉकडाउन का जख्म अभी तक बरकरार है। करीब-करीब बंदी की कगार पर पहुंच चुके इन उद्योगों और इनमें काम करने वालों को प्रदेश के बजट से मरहम की दरकार है।

 

रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से कार्य :  मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से कार्य किया।

 अनुमानित व्यय  :    वर्ष 2021-22 में कुल 57400.32 करोड़ का व्यय अनुमानित है। इसमें कुल व्यय में 44036.31 करोड़ राजस्व लेखे का व्यय और 13364.01 करोड़ पूंजी लेखे का व्यय अनुमानितहै।

प्रति व्यक्ति आय में कमी का भी अनुमान : कोरोना के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था के कारण प्रति व्यक्ति आय में कमी का भी अनुमान है। पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय करीब 1.82 रुपये थी, अब यह इससे कम हो सकती है।

  जीडीपी का आकार : कोरोना काल से पहले प्रदेश की जीडीपी करीब 2.56 लाख करोड़ रुपये थी। इस समय विकास दर शून्य से नीचे है तो जीडीपी का आकार भी 2.50 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है।

 राजस्व की आय अनुमानित : वर्ष 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों में रुपये 44151.24 करोड़ राजस्व की आय अनुमानित है। आय-व्यय अनुमान में कर राजस्व रुपये 20195.43 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है।

रसैंण के विकास के लिए कई कार्य तथा घोषणाएं की गई : बीते एक वर्ष में गैरसैंण के विकास के लिए कई कार्य तथा घोषणाएं की गई हैं, जिनमें आगामी दस वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से समूचे राजधानी क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने हेतु एक बड़ी योजना बनाने पर कार्य किया जा रहा है।

 

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