UKSSSC पेपर लीक को लेकर जहां एक और बेरोजगार संघ और कांग्रेस सरकार पर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं बीजेपी डिफेंस मोड में नजर आ रही है। बीजेपी का कहना है कि पेपर लीक की ये बात सरकार को बदनाम करने की कोशिश है। इसके साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं।
पेपर लीक को लेकर डिफेंस मोड में आई BJP
पेपर लीक मामले पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान का कहना है कि सरकार नकल विरोधी माफियाओं को जेल मे डालने के प्रति प्रतिबद्ध है। भाजपा कांग्रेस समर्थित माफियाओं की पहल को कामयाब नही होने देगी। उन्होंने विपक्ष की मंशा को सवालों के घेरे मे बताया और आरोप लगाया की कांग्रेस षडयंत्र के तहत सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। ये निश्चित है कि धामी के चाबुक से हाकम के हाकिम नहीं बच पाएंगे ।
पेपर लीक की बात सरकार को बदनाम करने का प्रयास
पेपर लीक को लेकर लगातार कांग्रेस सरकार को चौतरफा घेरती हुई नजर आ रही है। लेकिन बीजेपी भी फुल डिफेंस मोड में नजर आ रही है।कांग्रेस के आरोपों पर चौहान ने कहा कि यूकेएसएससी द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक को लेकर कुछ संगठनों के द्वारा भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। इससे एक सोची समझी साज़िश के तहत युवाओं को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। जबकि यूकेएसएसएससी के अनुसार पेपर लीक जैसा कोई मामला नहीं है।
पेपर तो लीक ही नहीं हुआ – बीजेपी
बीजेपी का कहना भी है कि पेपर तो लीक ही नहीं हुई है। पेपर की तीन पेज का स्क्रीन शॉट साजिश के तहत किसी के द्वारा परीक्षा शुरू होने के 35 मिनट बाद बाहर निकला है। ये जांच का विषय है। आख़िर कैसे पेपर के तीन पेज बाहर आए ? किसने भेजे इसकी जाँच यूकेएसएससी करा रही है? किस परीक्षा केंद्र से किसने किया जाँच हो रही है? लेकिन पेपर लीक जैसा कोई मामला नहीं है । परीक्षा शुरू होने के 35 मिनट बाद ऐसा किसी ने षड्यंत्र के तहत सरकार की पारदर्शी परीक्षा करने के अभियान को बदनाम करने की कोशिश की है।
इसके साथ ही उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून उत्तराखंड में लागू किया है। युवाओं के साथ किसी भी प्रकार का छल और अन्याय न हो इसके लिए उत्तराखंड से नकल माफियाओं के तंत्र को जड़ से समाप्त करने का काम किया है । अभी तक 200 से अधिक नकल माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का काम किया है। सीएम धामी के सख़्त नक़ल विरोधी क़ानून और पारदर्शी नीतियों के कारण आज लगभग सभी विभागों में 30 हज़ार से अधिक लोगों को सरकारी नौकरियाँ दी गई हैं।