उत्तराखंड में भर्तियों के नाम पर हुआ घोटाला लंबे समय से सुर्खियों में बना हुआ हैं कहना गलत नहीं होगा कि यह भर्ती घोटाले साफ तौर पर भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल उठा रहे हैं, जैसा कि आप जानते ही हैं कि धामी सरकार हमेशा से ही भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर बात करती हुई आई है लेकिन अब जब भर्तियों के नाम पर यह घोटाले खुल रहे हैं तो धामी सरकार पर कई सवाल उठ रहे हैं।
इन भर्ती घोटालों को लेकर पक्ष विपक्ष में भी रार छिड़ी हुई है. विपक्ष लगातार इन घोटालों पर सीबीआई जांच की मांग कर रहा । बीते रोज भी विधानसभा में बैकडोर हुई भर्तियों को लेकर कांग्रेस द्वारा विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया .जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस भर्ती के प्रकरण में हुई अनियमितताओं की जांच करवाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा गया .सीएम धामी ने अपने पत्र में विधानसभा अध्यक्ष से विधानसभा में बैकडोर भर्तियों की जांच कराने का अनुरोध किया गया जिसके बाद खबर यह सामने आई कि विधानसभा मैं बैकडोर हुई सभी भर्तियां निरस्त की जा सकती है।
वहीं विपक्ष प्रवक्ता माथुरादत्त जोशी ने मीडिया से बातचीत के दौरान ये बताया कि मुख्यमंत्री ने जो पत्र विधनसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को लिखा है कांग्रेस भी उस जांच के पक्ष में है लेकिन कब तक विधानसभा अध्यक्ष इस मामले की जांच करवाकर गलत तरीके से हुई विधानसभा भर्तियों को निरस्त करती है यह विषय देखने लायक होगा ।